पति पत्नी की एक अनोखी कहानी | husband wife emotional story

पति पत्नी की एक अनोखी कहानी | husband wife emotional story 


 आनंदलाल और सरिता जी की शादी को अब 50 साल पूरे हो गए थे। उन दोनो की उम्र भी 75 से ऊपर निकल चुकी थी। दोनो ने अपनी पूरी जिंदगी एक दूसरे के साथ काफी हसी खुशी से बिताई थी। 


पति पत्नी की एक अनोखी कहानी | husband wife emotional story



दोनो बिल्कुल दो जिस्म एक जान बनकर जिए थे। सुख दुःख के साथ साथ उन्होंने अपने अपने पर्सनल रहस्य भी एक दूसरे के साथ share किए थे। हा.. सरिता जी ने केवल एक रहस्य आनंदलाल को कभी नहीं बताया! 


सरिता जी ने अपने कबर्ट के सबसे उपरके खाने में एक जूतों का बॉक्स रक्खा करती थी जिसे किसी को भी यहां तक की खुद उनके पति को भी छूने की मनाई थी.. मनाई क्या सक्त वार्निंग थी! 


सरिता जी ने पति से कह रक्खा था की समय आने पर वो उस बॉक्स का राज उन्हे जरूर बताएगी। आनंदलाल को भी इस बात से कोई परहेज नही था।


हस्ते खेलते कई दशक बीत गए। उम्र ढल गई, शरीर कमजोर हो गए और कई बीमारियां हावी हो गई। 


सरिता जी बीमारियों से जूझते झूझते हार मानने लगी तब अपना आखरी समय करीब है ये जानकर उन्होंने आनंदलाल को अपने पास बुलाया और अपने जीवन का वो एक मात्र राज जो उनके कबर्ड में बंद था उसको उससे परिचित करवाया। सरिता जी ने अपने पति को उस बॉक्स को लाने के लिए कहां।


आनंदलाल उस बॉक्स को लेकर आए और उसे ओपन किया तो वो देखकर हैरान हो गए की उस बॉक्स में दो खरोची हुई छोटी डॉल्स और ढेर सारे नोट(पैसे) थे। आनंदलाल ने सरिता से उन डॉल्स के बारे में पूछा।


सरिताजी ने कहा - जब मेरी शादी होने वाली थी तब मेरी दादी ने मुझे समझाया था की अगर अपनी शादी को लंबे समय तक चलाना चाहती हो तो एक दूसरे से जितनी हो सके arguments और शिकायते कम हो उसका ध्यान रखना और उन्होंने उसके लिए मुझे ये डॉल्स का तरीका भी बताया था जिस में जब भी मुझे तुम से कोई शिकायत हो तब एक डोल को खुरच कर उसे संभाल कर रख लेना।


सरीताजी की बात सुनकर आनंदलाल की आंखे भीग गई क्योंकि पिछले 50 सालो मे सरिता जी को उनसे सिर्फ 2 बार शिकायते हुई ये विचार ही उनके लिए काफी सुखद था।


बाद में उन्होंने उन ढेर सारी 100 की नोटो के बारे में पूछा जो गिनती करने पर 1 लाख से भी ज्यादा की थी! 


सरिताजी ने कहा की ये नोट मैने तब तब इस बॉक्स में डाली जब जब मैने आपके साथ कोई खुशी या संतोष के पल बिताए! 


आनंद लाल जी अपनी पत्नी को गले से लगाकर रो पड़े और बोले मेरे किसी जन्म के पुण्य ही होंगे जिससे मुझे तुम पत्नी के रूप में मिली।


दोस्तों, छोटी सी इस पति पत्नी की प्रेम कहानी में जो पत्नी ने तरीका अपनाया था अगर हर पति पत्नी अपने जीवन में वही तरीका अपना ले तो हजारों रिश्ते जो छोटी छोटी बातो पर बिखर जाते है वो बिखरने से बच जायेंगे।


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