मुसीबत का सामना : मोरल कहानी|Short Moral Hindi Story
एक गांव में एक बकरी चराने वाला रहता था। वह बेचारा रोज अपने बकरिया लेकर जंगल में जाता था। एक दिन वह बकरिया लेकर जंगल गया फिर अचानक बहुत जोरो से तूफान आया बारिश भी होने लगी और वह अपने बकरिया लेकर पेड़ के नीचे चला गया। उन में से एक बकरी और उसका छोटा बच्चा उनसे बिछड़ गए।
फिर वह बकरी और उसका छोटा बच्चा बहुत गीले होने लगे फिर उस बकरी को लगा मेरे छोटे बच्चे को बहुत ठंड लग रही है इसको मैं कहां रखूं, उसे आस पास कुछ नहीं दिख रहा था। बकरी अपने बच्चे को लेकर आगे चलने लगी। चलते चलते बकरी को एक बड़ी गुफा दिखी। बकरी और उसका छोटा बच्चा गुफा में रुके, उस बकरी को पता नहीं था कि वह गुफा एक शेर की है।
बारिश इतनी ज्यादा हो रही थी कि शेर भी गुफा की तरफ आने लगा। उसने गुफा के तरफ देखा तो उसे बहुत अंधेरा दिखा। उसने गुफा में झांकर के देखा तो उसे सिर्फ आंखे चमकते हुए दिखाई दी।
शेर सोचने लगा कि मेरी गुफा में कौन आया होगा."शेर बोला मेरी गुफा में कौन है? निकल जाओ यहां से नहीं तो मैं तुम्हे खा जाऊंगा।
फिर बकरी बोली तू कौन है मुझे निकालने वाला? तेरा नाम बता। फिर शेर बोला तुझे पता नहीं है क्या मैं इस जंगल का राजा हूं। अब तू बता?? , तू कोन है?
फिर बकरी शेर को बोली में मैं हु। शेर सोचने लगा मुझसे तो सारी दुनिया डरती है फिर यह कौन है जो मुझसे प्रश्न कर रहा है? शेर सोचने लगा शायद यह तो मुझसे भी शक्तिशाली होगा। इसलिए शेर ऊससे डर कर भाग गया।
इस कहानी में बकरी जो मुसीबत में पड़ गई थी उसने अपनी हिम्मत नही हारी और परिस्थितियों के हिसाब से सोच समझ कर फैसले लिए और मुसीबतों का सामना करते हुए अपने आप को और अपने बच्चे को सुरक्षित रक्खा।
कहानी से हम सीखते है की मुसीबतें तो जीवन में आएगी ही लेकिन उस समय हमे डर, निराशा जैसी भावनाओ में बहकर अपना होश नही खोना चाहिए बल्कि ज्यादा सक्रिय रहकर हालातो से लड़ना चाहिए क्योंकि भगवान भी उन्ही की मदद करते है जो खुद की मदद करते है।
देखें हिंदी कहानियों का सबसे बड़ा संग्रह 👈
