नाविक और व्यापारी की प्रेरक कहानी | Moral Hindi Story
एक व्यापारी अपनी नई कंपनी के उद्घाटन के लिए अपनी कार में बैठकर उस लोकेशन तक जा रहा था जहां पर उसकी फैक्ट्री बनी हुई थी। लेकिन वह फैक्ट्री शहर से काफी दूर एक छोटे से गांव में थी और रास्ता काफी लंबा था था।
काफी देर कार चलाने के बाद व्यापारी ऐसी जगह आ पहुंचा जहां पर उसके और गांव के बीच में एक नदी थी। वैसे उस फैक्ट्री तक जाने के 2 रास्ते थे एक पक्के हाईवे से जा सकते थे और एक नदी को पार करके। हाईवे से जाने के लिए काफी घूमकर जाना पड़ता था जिसमें दो-तीन घंटे से ज्यादा लग जाते थे।
व्यापारी के पास ज्यादा समय नहीं था इसलिए उसने अपनी कार को साइड में लगा कर एक नाव में बैठकर नदी पार करने का फैसला किया।
व्यापारी एक नाव में बैठ गया और नाविक को बोला कि चलो उस पार ले चलो। नाव में बैठे-बैठे व्यापारी बोर हो रहा था इसलिए उसने उस गरीब नाविक का मजाक उड़ाने का मन बनाया।
व्यापारी ने नाविक से पूछा : क्या तुम मुझे जानते हो ?
नाविक बोला : नहीं साहब मैं आपको नहीं जानता।
व्यापारी फिर से बोला : क्या तुम न्यूज़ पेपर नहीं पढ़ते? हर दिन मेरी फोटो किसी ना किसी न्यूज़पेपर में छपती रहती है।
नाविक ने बड़ी शांति से जवाब दिया : साहब मैं न्यूज़पेपर नहीं पढ़ सकता क्योंकि मुझे पढ़ना लिखना नहीं आता।
व्यापारी उसका जवाब सुनकर हंसने लगा और अट्टहास करते हुए बोला फिर तो तुम्हारी आधी जिंदगी बर्बाद हो गई क्योंकि बिना पढ़े लिखे लोगों की जिंदगी नर्क जैसी होती है।
नाविक बेचारा शांत रहा कुछ ना बोला।
व्यापारी ने उससे फिर से पूछा : क्या तुम जानते हो मैं तुम्हारे गांव क्यों जा रहा हूं?
नाविक ने उत्तर दिया : जी नहीं साहब।
व्यापारी बोला मैं तुम्हारे गांव में मिनरल वोटर की फैक्ट्री चलाने वाला हूं और आज उसका उद्घाटन है इसलिए मैं वहां जा रहा हूं।
नाविक बोला : साहब यह मिनरल वाटर क्या होता है?
व्यापारी फिर से उस पर हंसने लगा और बोला : तुम्हें तो कुछ भी नहीं पता! तुम्हारा सामान्य ज्ञान तो बिल्कुल ज़ीरो है। तुम्हारी तो 80% जिंदगी बर्बाद हो गई।
व्यापारी की बातें सुनकर नाविक को काफी बुरा लगा लेकिन वह कुछ नहीं बोला और अपनि नाव चलाते रहा।
अचानक गलती से नाव से एक पत्थर टकराया और नाव में एक छेद हो गया। उस छेद से धीरे-धीरे नाव में काफी सारा पानी भर गया। इसे देखकर नाविक को पता चल गया कि नाव डूबने वाली है इसलिए वह नाव से छलांग लगाने लगा तभी उसने रुककर व्यापारी से पूछा : साहब आपको तैरना आता है?
व्यापारी ने डरते डरते कहा कि मुझे तैरना नहीं आता।
नाविक जोर-जोर से हंसने लगा और बोला : तब तो साहब आपकी पूरी जिंदगी खराब हो गई!
व्यापारी डर के मारे रोने लगा तब नाविक ने व्यापारी से कहा : कि डरो मत साहब मुझे तैरना भी आता है और दूसरे डूबते हुए लोगों को बचाना भी। आप सिर्फ मुझे कसकर पकड़ लीजिए और मैं आपको किनारे तक सही सलामत लेकर जाऊंगा। नाविक ने उस व्यापारी की जान बचा ली।
दोस्तो कहानी का मोरल बिलकुल क्लियर है की दुनिया में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसे कुछ भी नहीं आता हों । हमे किसी का सिर्फ इसलिए मजाक नहीं उड़ना चाहिए क्योंकि उसे वो सब नही आता या पता जो हमे आता है या पता है क्योंकि वो भी ऐसा कुछ जरूर जानता होगा जो हम नहीं जानते।
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