3 तरह के लोग : शिक्षाप्रद कहानी | Shikshaprad kahaniyan
एक टीचर अपने क्लास के बच्चों को 3toys दिखाकर कुछ सिखाने की कोशिश कर रहा था। यह तीनों toys देखने में बिल्कुल एक जैसे थे, उनकी बनावट, उनका रंग के साइज, बिल्कुल सेम थी।
टीचर ने सभी स्टूडेंट्स को कहा कि तुम सबको इन तीनों में क्या डिफरेंस है वह मुझे बताना है।
सभी स्टूडेंट्स ने एक के बाद एक उन toys को अच्छे से देखा लेकिन किसी को भी उनमें कोई फर्क नजर नहीं आ रहा था।
लेकिन एक स्टूडेंट काफी देर से उन्हें बहुत ध्यान से देख रहा था और उसने टीचर से कहा कि वह जानता है कि मैं क्या फर्क है!
टीचर ने कहा अच्छा अगर तुम जानते हो तो सबको बताओ कि इन में क्या फर्क है?
विद्यार्थी उठा उसने एक धागा लिया और toys के पास पहुंचा। उसने एक टॉय उठाया जिसके एक कान में छेद था। उसने उस छेद में धागा डाला और सब को दिखाया।
उसने दूसरा टॉय उठाया जिसके दोनों कानों में छेद था। उसने एक कान से धागा डाला और दूसरे काम से निकाल कर दिखाया।
फिर अंत में उसने तीसरा टॉय उठाया जिसके एक कान से दागा डाला उसके मुंह से धागा निकाल कर दिखाया।
पहले एकदम सेम लग रहे तीनो toys में सभी को फर्क साफ साफ दिखा।
टीचर ने सभी स्टूडेंट्स को समझाते हुए कहा की इन 3 toys की तरह हमारे आसपास भी तीन तरह के लोग रहते हैं।
पहले वो लोग जो दर्शाते है की वो हमारी परवाह करते है और हमारी सारी बाते ध्यान से सुनते है लेकिन वो हमारी बाते सुनकर अनसुनी कर देते है यानी की एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते है।
दूसरे किस्म के लोग और भी ज्यादा खतरनाक होते है जो हमारी बाते सुनकर उन्हें हमारे खिलाफ ही इस्तमाल करते है। हमारी सुनी हुई बाते , सिक्रेट्स अपने फायदे के लिए दूसरो को बता देते है।
तीसरे किस्म के लोग जो सबसे अच्छे होते है हमारी सारी बाते सुनते है, समझते है और सच में हमारी परवाह करते है। इसलिए दोस्तों अपने आसपास के लोगो पर भरोसा करने से पहले वो किस तरह के है वो जरूर जान लीजिए।
