बड़े भाई के त्याग की कहानी | Hindi Kahaniya

बड़े भाई के त्याग की कहानी | Hindi Kahaniya 


मेरा नाम अक्षत है । मैं पेशे से एक वकील हूं।एक दिन मैं अपने ऑफिस में हमेशा की तरह बैठा था। एक पार्टी आई हाथ में पेपर बैग, झुर्रिदार चेहरा, बढ़ी हुई दाढ़ी, गंदे कपड़े और बोले हम पूरी जमीन पर स्टे लगाना चाहते हैं। अन्य कौन से कागजात की आवश्यकता है? और इसका कितना खर्चा होगा?


बड़े भाई के त्याग की कहानी | Hindi Kahaniya

 मैंने उन्हें बैठने को कहा वह कुर्सी पर बैठ गए और उनके सारे दस्तावेज चेक किए। उनसे जानकारी लेने के बाद आधा घंटा लग गया और मैंने उन्हें बताया आइए आप के मामले पर विचार करते हैं। आप ऐसा करें और 4 दिन बाद वापस आए।


 4 दिन बाद पार्टी फिर उसी अवतार में आई। भाई के प्रति गुस्सा अभी भी कम नहीं हुआ था। मैंने उन्हें बैठने को कहा और वह बैठ गये। फिर मैंने बात शुरू की, मैंने आपके दस्तावेज देखे आप दोनों भाई और एक बहन आपके माता-पिता आपके बचपन में ही चले गए थे। आपकी शिक्षा नवी पास, छोटा भाई एम्. ऐ. बी. ए. ड.। आपने अपने भाई की शिक्षा के लिए स्कूल छोड़ दिया खेती में लंगोटी पर मेहनत की। नितिन जीजा जी के कुवे पर पत्थर फोड़े, गणेश बाबू के गन्ने के खेत में मेहनत की। लेकिन भाई की शिक्षा के लिए पैसों की कमी नहीं आने दी।


 एक बार बहन खेत में गाय भैंस को चरा रही थी। आपका भाई स्कूल से आ गया था, कैसे वह भैंस के पीछे गया और उसे भैंस के सींग लग गये। संपूर्ण शरीर खून से लथपथ हो गया था। आप उसे कंधे पर उठाकर नजदीकी गांव में ले गए। वास्तव में उस समय आपकी उम्र भी कुछ ज्यादा नहीं थी।


 आपके भाई ने बी. ए. में एडमिशन लिया,आपने फिर से जोरदार श्रम  करना शुरू कर दिया लेकिन, अचानक उसे किडनी की समस्या होने लगी। बहुत सारे अस्पतालों में इलाज किया। बाहर का भी किया लेकिन कुछ  असर नहीं हुआ..... अंत में डॉक्टर ने किडनी निकालने को कहा! अफसर बनने के बाद बहुत घूमना पड़ता है,काम करना पड़ता है,तुम्हें हमसे ज्यादा तकलीफ होगी। हम खेती में रहने वाले लोग हमें एक किडनी होगी तो भी चलेगा। ऐसा कह कर आपने अपने भाई को एक किडनी डोनेट कर दी! आपकी पत्नी के नहीं कहने के  बावजूद आपने किसी की ना मानी। 


भाई m.a. की पढ़ाई के लिए हॉस्टल पर रहने गया। घर में अगर कभी नॉनवेज बनता था तो आप डिब्बे में पैक करके अपने छोटे भाई के लिए ले जाते थे। कोई त्योहार आया तो पूरीओ का डिब्बा घर से लेकर आप हॉस्टल का अंतर 25 किलोमीटर पर उसे देने के लिए  साइकिल से जाते थे! उसके बाद  जब  छोटे भाई को नौकरी लगी तो आपने गांव में मिठाई बटवा ई.... 


3 साल पहले उसकी शादी हुई थी। भाई को नौकरी मिल गई भाई की शादी हो गई अब तुम पत्नी, बच्चों के साथ सुखी रहोगे, लेकिन हुआ उल्टा ही..... शादी के बाद से भाई घर नहीं आता, बुलाते तो कहता है मैंने अपनी पत्नी को वचन दिया है। घर पर पैसे देता नहीं, पूछने पर कहता है कि कर्ज है। पिछले साल नागपुर में फ्लैट लिया। पूछा तो बोलता है कि कर्जा लेकर लिया है!


 सब कुछ कहने के बाद में थोड़ी देर रुका और फिर कहां... अब आपका कहना है कि उसने अपनी कमाई का लिया हुआ उस पर स्टे लगाना है। 


उसने जल्दी से कहा हां बराबर.... तभी मैंने कहा स्टे लागू किया जा सकता है? भाई द्वारा खरीदी गई आय का हिस्सा भी आपको मिलेगा....... पर आपके द्वारा दान की गई किडनी वापस नहीं की जाएगी। आपने उसके लिए जो जीवन बिताया वह आपको कभी वापस नहीं मिलेगा और मुझे लगता है कि इन बातों के आगे उसने जो प्लेट खरीदा है उसका मूल्य शून्य है। वकील की  यह सब बातें सुनकर उसका मन बदल गया। तभी वकील ने उसे कहा आप उसके तरह मत बनो.... वह भिखारी निकला और आप दिलदार थे और दिलदार ही रहीए... देखना आपको किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होगी.... 


उल्टा में कहूंगा कि, पितृ आय मै जो आपको हिस्सा मिला उतना ही रखो। उसका हिस्सा वैसे ही पड़े रहने दो। कोट कचहरी करने के बजाय अपने बच्चों को शिक्षित करो। यह सब बातें सुनकर उस वृद्ध पार्टी ने 10 मिनट तक सोचा..... सारे कागज बैग में रख लिए अपनी आंखें पोंछते हुए वह बोला चलता हु साहब.....!


 इस बात को 5 साल हो गए। एक दिन वह पार्टी अचानक ऑफिस आ गई। साथ में एक गोरा चिट्टा लड़का हाथ में बैग था। मैंने कहा उन्हें बैठने को। तभी वह बोला, मैं बैठने के लिए नहीं आया हूं साहब! मिठाई देने आया हूं। यह मेरा बेटा न्यूजीलैंड में रहता है।कल ही आया। अब गांव में 3 मंजिला घर है, 8-9 एकड़ खेती लि है।आप बोले थे ना कोर्ट कचेरी के लफड़े में मत पढ़ो इसीलिए तभी से मैंने बेटे की पढ़ाई का रास्ता पकड़ा और मेरा सब अच्छा होता चला गया।


 उस पार्टी की बातें सुनकर मेरा दिल भर आया। गुस्से को योग्य दिशा दी तो वापस गुस्से का वक्त कभी आएगा ही नहीं... और जीवन में पश्चाताप भी नहीं करना पड़ेगा...        

              

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