पिता : एक भावुक कर देनेवाली कहानी | emotional story

पिता : एक भावुक कर देनेवाली कहानी | emotional story 


 बेटा बाप को एक अनाथ आश्रम छोड़ने आया था। साथ में बाप के सारे कपड़े और कुछ जरूरी सामान का बैग भी लाया था। बेटे ने अनाथ आश्रम के मैनेजर से सारी जरूरी बातें कर ली और बाप को वहीं पर छोड़कर जाने लगा।


इमोशनल कहानी | emotional story


बेटा अभी अनाथ आश्रम के बाहर निकला ही था की उसका फोन बजा। फोन उसकी पत्नी का था जो दूसरी तरफ से पति को कह रही थी... वापस आने से पहले ससुर जी से कह देना की किसी छुट्टि यां त्यौहार पर हमसे मिलने नहीं आएंगे तो भी चलेगा! आप वही पर खुशी से रहिए और हमें भी यहां सुख से जीने दीजिए!


फोन रख कर बेटा वापस अनाथ आश्रम में जाता है। बेटे की नजर अपने बूढ़े पिता पर पड़ती है जो अनाथ आश्रम के मैनेजर से हंस हंस कर बातें कर रहे थे और काफी खुश भी लग रहे थे। बेटा सोच में पड़ जाता है कि उसका पिता अनाथ आश्रम के मैनेजर को कैसे जानता है?


थोड़ी देर इंतजार करने के बाद जब उसका पिता मैनेजर से दूर जाता है तब बेटा मैनेजर के पास पहुंच जाता है और उससे पूछता है कि आप मेरे पिताजी को कैसे और कब से जानते हैं? मैनेजर बेटे को बताता है मैं तुम्हारे पिता को कई सालों पहले तब से जानता हूं जब वह अनाथ आश्रम में एक अनाथ बच्चे को गोद लेने  आए थे!!


दोस्तों कुछ समझ में आया? अब आप ही बताइए सच में अनाथ कौन था? वह बेटा जो अपने बाप द्वारा बिना उसे बताएं किए गए इतने बड़े उपकार के बदले उनके आखिरी समय में इस तरह ठोकर मार रहा था। या वह पिता जिसने एक अनाथ बच्चे को निस्वार्थ भाव से इतना प्यार दिया जितना खुद के बच्चे को दिया जाता है!


दोस्तों अपने माता पिता की कदर करना सीखो क्योंकि आप नहीं जानते होंगे की उन्होंने आपसे क्या क्या छुपा रखा है? कितने बलिदान, कितने त्याग उन्होंने आपके लिए किए हैं शायद आप जानते भी नहीं होंगे।


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