गंजा दोस्त : एक मजेदार कहानी | Majedaar Story

 गंजा दोस्त : एक मजेदार कहानी | Majedaar Story 


इस कहानी में चार बहुत ही गहरे दोस्तों की हम बात करने वाले हैं। चारों दोस्तों मैं भी अगर मैं कहूं तो हंसमुख नाम के व्यक्ति के बारे में यह कहानी है। यह चारों दोस्त बचपन से यानी के स्कूल के समय से बहुत पक्के मित्र थे। इन सभी में हंसमुख अपने नाम की तरह ही स्वभाव से हंसमुख,सबसे मेलजोल रखनेवाला और हमेशा दूसरों की मदद ने लिए तैयार रहनेवाला व्यक्ति था।


मजेदार कहानी | Majedaar Story


लेकिन हर व्यक्ति का कोई ना कोई राज ऐसा होता है जो वह किसी को नहीं बताता यहां तक की अपने दोस्तों को भी नहीं। हंसमुख का भी एक ऐसा ही राज था। हंसमुख के सिर के बाल काफी समय पहले झड़ चुके थे लेकिन इस बात का पता कभी उसने किसी को नहीं चलने दिया। अपने इस राज को छुपाने के लिए वह हमेशा एक नकली विग लगाया करता था।


एक बार काफी समय बाद यह चारों दोस्त इकट्ठा हुए। सब एक साथ अच्छा समय बिताना चाहते थे इसलिए सबने मिलकर यह तय किया कि वह सब बाइक पर किसी लंबे सफर पर घूमने जाएंगे।


प्लान के मुताबिक सभी ने अपनी अपनी गाड़ियां निकाली और चल पड़े लंबे सफर पर। वो सब गाड़ियां काफी तेज भगा रहे थे। इसी दौरान तेज हवाओं के चलते हंसमुख के सिर से उसकी नकली विग उड़ गई और उसका गंजा सर सबके सामने आ गया!


हंसमुख के सभी दोस्त यह देखकर काफी हैरान थे कि उन्हें कैसे पता नहीं चला कि हंसमुख गंजा है? हंसमुख को इस तरह से गंजा देखकर वह अपने आप को रोक नहीं पाए और सब ठहाके लगाकर हंसने लगे। दोस्तों ने उसके गंजेपन का मजाक उड़ाते हुए कहा कि लगता है तुम्हारे ऊपर की खेती पर फसल आनी बंद हो गई है! कुछ पलों बाद उनको हंसता देख हंसमुख भी उनके साथ हंसने लगा!


हंसमुख के सभी दोस्तों को काफी आश्चर्य हुआ। उन्होंने हंसमुख से पूछा कि हम तो तुम्हारे गंजे होने पर हंस रहे हैं तुम भला क्यों हंस रहे हो?


हंसमुख ने मुस्कुराते हुए कहा.. मैं भी कितना पागल था जो अपने गंजेपन को इतने सालों से छुपा रहा था। जब मेरे खुद के बालों ने ही मेरा साथ नहीं दिया तो भला  ये दूसरे के बाल (विग) मेरा कितना साथ देने वाले थे! हंसमुख की ऐसी जिंदादिली देखकर उसके दोस्तों ने उसे गले लगा लिया और वह अपने सफर में आगे बढ़ गए।


दोस्तो अक्सर ऐसा होता है कि हम हमारे जीवन में हमारी कमियों को छुपाने की जी-जान से कोशिश करते हैं। हमें लगता है कि हमारी वह कमियां लोगों के हंसी का कारण बन सकती है और हमें सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ सकता है। लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता है। जो हमारी सोच है वह जरूरी नहीं सभी लोगों की सोच हो। अगर हम अपने आप को स्वीकार कर लेते हैं तो दुनिया भी हमें स्वीकार कर लेती है।

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