महसूस करो : हृदयस्पर्शी कहानी | Heart Touching kahani

 महसूस करो : हृदयस्पर्शी कहानी | Heart Touching kahani 


एक 6-7 साल का छोटा बच्चा हाथ में 2000 रुपए लेकर कुत्ते के पिल्ले बेचनेवाली मार्केट में आया। हर जगह कई तरह के पिल्ले पिंजरे में रक्खे हुए थे। हर पिल्ले का प्राइस टैग भी लगा हुआ था। किसी का भाव 5000 तो किसी का 6000 पिल्ला दिखने में जितना सुंदर उसका भाव उतना ही अधिक।


महसूस करो : हृदयस्पर्शी कहानी | Heart Touching kahani


बच्चा सभी को ध्यान से देख रहा था लेकिन उसकी नजर एक कोने में दुबक कर बैठे एक पिल्ले पर पड़ी और उसी पर ठहर गई! पिल्ला अकेला उस कोने में उदास बैठा था और उसका कोई प्राइस टैग भी नही लगा था।


बच्चे ने दुकानदार से पूछा की वो पिल्ला कितने का है? दुकानदार बोला : वो पिल्ला बेचने के लिए नहीं है क्योंकि वो एक पैर से अपाहिज है इसलिए उसे कोई खरीता भी नही है।बच्चे ने चिंतित होकर पूछा : फिर आप इसका क्या करेंगे? दुकानदार ने कहा : अफसोस! उसे मरना होगा।


बच्चे को पिल्ले के बारे में सुन कर बड़ा बुरा लगा। बच्चे ने दुकानदार से पूछा कि क्या वह उस पील्ले के साथ थोड़ी देर खेल सकता है? दुकानदार ने हा कहा तो बच्चा दौड़कर पिल्ले के पास गया और उसे बड़े प्यार से अपनी गोद में उठा लिया।


पिल्ला काफी ज्यादा खुश हो गया क्योंकि उसे कभी किसीने इतना प्यार नही दिया था। पिल्ला खुशी से बच्चे के साथ खेलने लगा। बच्चे ने तभी तय कर लिया की वो इसी पिल्ले को खरीदेगा।


बच्चा। दुकानदार के पास गया और पिल्ले की कीमत पूछी तब दुकानदार ने उसे ये कहकर मना कर दिया की मैंने तुम्हे बताया ना ये पिल्ला बेचने के लिए नहीं है। बच्चा ज़िद करने लगा और बोला अमी आपको इसके लिए 5000 दूंगा और इतना कहकर वो 2000 रुपए दुकानदार के हाथ में रखकर अपने घर से बाकी के 3000 रुपए लाने के लिए जाने लगा।


बच्चा थोड़ा आगे गया था की दुकानदार ने उसे पीछे से आवाज लगाई और पूछा की जब वो 5000 में कोई भी अच्छा पिल्ला ले सकता है तो वो क्यों उस अपाहिज पिल्ले को लेना चाहता है?


बच्चा रुका पीछे मुड़ा और बिना कुछ बोले उसने अपनी पेंट उठाकर दुकानदार को अपना एक पैर दिखाया जो नकली था! 


दुकानदार आगे कुछ भी नही बोल पाया। उसे आज बच्चे ने इंसानित का सबसे बड़ा पाठ पढ़ा दिया था।


दोस्तों हम किसी के दुख को सिर्फ समझने की कोशिश करते है लेकिन महसूस नही करते। जिस दिन हम उसे महसूस कर पाएंगे इस दिन हम उस दर्द से गुजनेवाले के लिए कुछ न कुछ जरूर करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने