पिता के सामने उसके दोनों बेटे पिता की प्रॉपर्टी के लिए लड़ने लगे। देखते ही देखते झगड़ा बड़ा होता चला गया। ऐसी परिस्थिति में पिता का रिएक्शन बड़ा आश्चर्यचकित करने वाला था क्योंकि बेटों को लड़ता हुआ देखकर वो जोर जोर से हसने लगा!
दोनों बेटों का ध्यान जब अपने पिता पर गया तो उन्हें लगा शायद सदमे से उनका बाप पागल हो गया है। दोनों ही बेटे बाप के पास दौड़ कर आए। बेटो ने अपने बाप से पूछा कि वह क्यों बेवजह हंस रहे? उनके सामने उनके दोनों बेटे आपस में झगड़ा करते देखकर भी वह कैसे सकते हैं?
पिता ने मुस्कुराते हुए कहा मैं इसलिए हंस रहा हूं क्योंकि तुम दोनों बड़ी तुच्छ चीजों के लिए लड़ रहे हो। मेरे पास तो यहां से भी कई ज्यादा कीमती प्रॉपर्टी अपने गांव में है अगर तुम दोनों चाहो तो मैं तुम्हें वह प्रॉपर्टी दिखा सकता हूं।
दोनों बेटों की आंखों में चमक आ गई। उन्होंने कहा वो जरूर देखना चाहेंगे। अगले दिन बाप और दोनों बैठे कुछ सामान पैक कर के गांव की बस में बैठकर अपने गांव के लिए निकल गए।
गांव में पिता अपने दोनों बेटों को एक आलीशान हवेली की तरफ लेकर जाने लगा। वह जैसे जैसे उस हवेली के करीब पहुंचते गए तो उन्हें हवेली का असली रूप नजर आने लगा जो अब खंडहर में तब्दील हो चुकी थी।
हवेली के पास पहुंच कर बाप हवेली के बाहर बैठकर फूट-फूट कर रोने लगा। अब बाप को इस तरह रोता देखकर बेटो ने उसे चुप कराने की कोशिश की और पूछा कि वह क्यों रो रहे है? बाप ने कहा कि बरसों पहले मैंने इसी हवेली को पाने के लिए अपने भाई से झगड़ा किया था। भाई का दिल बड़ा था उसने मुझे यह हवेली दे दी लेकिन फिर वह मुझसे कभी नहीं मिला। अब वह विदेश में जाकर रहता है और आज तक उसने मुझसे कभी बात ही नहीं की। देखो जिस हवेली के लिए मैंने पाने भाई के अनमोल रिश्ते को खो दिया वह हवेली आज किस हालत में है!
तुम दोनों भी वही गलती करने जा रहे हो जो मैंने बरसों पहले की थी। तुम दोनो भी उन्हीं तुच्छ सी चीजों के लिए लड़ने लगे हो जिनकी आगे जाकर रिस्तो के मुकाबले कीमत शून्य होगी।
