भगवान कहा है? : Best Kahanai

 एक बार एक शिष्य ने अपने गुरु से पूछा कि भगवान कहां है? गुरु ने बताया कि भगवान यहां है, वहां है, मुझ में है तुम में है, हर वस्तु में है, हर जगह हैं।


भगवान कहा है? : Best Kahanai


इस संवाद के बाद शिष्य किसी काम से दूसरे गांव जाने के लिए निकला। रास्ते में चलते समय उसने देखा एक हाथी काफी तेजी से दौड़ता हुआ उसकी तरफ आ रहा है। और हाथी पर बैठा महावत जोर-जोर से चिल्ला रहा है कि रास्ते से हट जाओ हाथी पागल हो गया है।


थोड़ी देर पहले ही बताई अपने गुरु की बातें शिष्य के दिमाग में घूम ही रही थी कि भगवान हर वस्तु में हर प्राणी में हर जगह में। इसका मतलब है कि भगवान उसे हाथी में भी है और भगवान मुझ में भी हैं। अगर ऐसा है तो क्या भगवान खुद को मारेंगे? बिल्कुल नहीं। अपने रास्ते से नहीं हटा। हाथी तेजी से उसके पास आया हाथी ने अपने सूंड से शिष्य को काफी दूर फेंक दिया खुशनसीब से शिष्य पास की नरम माटी में गिरा इसलिए उसे ज्यादा चोट नहीं आई।


इस घटना से शिष्य थरथर कांपने लगा और काफी डर गया। साथी साथ वह सोचने लगा कि गुरु ने जो बताया था क्या वह झूठ था? गुरु ने मुझसे झूठ क्यों बोला?


थोड़ी देर बाद दूसरे शिष्यों की सहायता से जब वह शिष्य अपने गुरु के पास पहुंचा तो उसने गुरु से पूछा कि अगर आपने जो बोला था वह सच है तो हाथी में जो भगवान था उन्होंने मेरे अंदर के भगवान के साथ ऐसा क्यों किया?


गुरु ने मुस्कुराते हुए कहा यह बात सच है कि हाथी के अंदर भी भगवान है और तुम्हारे अंदर भी लेकिन उस महावत के अंदर भी तो भगवान है जो तुम्हें रास्ते से हटने के लिए कह रहा था! फिर तुमने उसकी बात क्यों नहीं मानी?


दोस्तों यही होता आया है हम अधूरी बात समझकर, अधूरा ज्ञान पाकर हमेशा उस परम शक्ति पर सवाल करते आए है। जिस दिन हम उस सम्पूर्ण ज्ञान को अच्छे से आत्मसात कर लेंगे उस दिन हमे बिना किसी सवाल के सभी जवाब मिल जायेंगे।

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