भोली मां : शिक्षाप्रद कहानी | leassonable story in Hindi

 मां तू चुप रह। तुझे कुछ नही पता। मां आप आज कल की दुनिया के बारे में कुछ नही जानती। बस ऐसा ही कुछ आजकल के बच्चे अपनी मां के बारे में सोचते है या बोलते है। लेकिन ये कहानी आपकी ये सोच बदलनेवाली है।

भोली मां : शिक्षाप्रद कहानी | leassonable story in Hindi


भोली मां : शिक्षाप्रद कहानी | leassonable story in Hindi 


मेरी माँ ने एक अज्ञात कॉल उठाया और वह किसी युवा लड़के से बात कर रही थी।  “मेरा डेबिट कार्ड नंबर?  क्या आप बैंक से बोल रहे हैं?”, उन्होंने पूछा।


 मैं तुरंत चिल्लाया, "माँ, वे घोटालेबाज हैं, तुरंत फ़ोन बंद कर दीजिए"।


 मेरी माँ ने मुझे चुप रहने के लिए कहा और उससे बात करती रही।  और जैसे ही फोन पर लड़के ने कहा 'सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ये डिटेल्स चाहिए।', उन्होंने उसे अपना डेबिट कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट और सीवीवी भी बता दी।


 मैं डर गया था क्योंकि मेरी माँ बहुत भोली है और उन्हें इन सभी घोटालों के बारे में नहीं पता है।  और वो मेरी बात भी नहीं सुन रही थी।


 कुछ देर तक मैं को मैं रोकता रहा लेकिन वो उसकी बातें सुनती रही।  तब उन्होंने उस आदमी से कहा, ''बेटा, ओटीपी नहीं आया।  फिर से कोशिश करो।"


 कुछ देर बाद मां बोली

 “नही बेटा, अभी भी नहीं आया  एक बार और प्रयास कर, बेटा।  मैं नहीं चाहती कि मेरा खाता बंद हो। तुम बहुत मददगार हो”


अब मैं खुद कंफ्यूज हो गया। वह आदमी समझ गया कि क्या हो रहा है।  इसलिए उसने जल्द से जल्द कॉल डिस्कनेक्ट करने पर जोर दिया।


 मेरी माँ ने उससे कहा 

 “बेटा, तेरे जितने दो जमूरो को मैंने पाल कर बड़ा किया है।  10वीं पास हूं, लेकिन पागल नहीं हूं'


 उसने कहा, "सॉरी, आंटी" और कॉल काट दिया।


 मैंने कॉल कटने के बाद के पल को कैद कर लिया और मां की प्रतिक्रिया इस फोटो में आप भी देखिए।


दोस्तों भोली भाली लगने वाली हमारी माताएं जरूरत पड़ने पर कितनी होशियार और सबक सिखानेवाली हो सकती है ये इस कहानी से जरूर जान लीजिए

Credit: nikhil  jangra

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