कहानी : ऐसे होते है महान नेता | chhoti kahani


कहानी : ऐसे होते है महान नेता 

इतने उच्चपद पर होते हुए भी लाल बहादुर शास्त्री जी ने  अपनी मां को यह कभी नहीं बताया था कि वह रेल मंत्री हैं! बल्कि उन्होंने माँ से कहा  कि ''मैं रेलवे में नौकरी करता हूं !'

वह एक बार रेलवे द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आए थे, जहां उनकी मां भी आईं और बताने लगीं कि मेरा बेटा भी यहीं है, वह भी रेलवे में है।


kahani by pravin kate


लोगों ने पूछा नाम क्या है ?? जब उन्होंने अपने बेटे का  नाम बताया तो सब चौंक गए, कुछ ने कहा ''झूठ बोल रही हो। 

लेकिन तब उन्हें बेटा  नज़र आ गया तो उन्होंने कहा, ''नहीं वह आ गया है। ''


लोग उन्हें  लाल बहादुर शास्त्री जी के सामने ले गये और पूछा, ''क्या यह आपका बेटा है?''

तो माँ ने कहा "हाँ ये मेरा बेटा है।"

लोगों ने मंत्रीजी से भी पूछा , "क्या वह आपकी माँ हैं?

तब शास्त्री जी ने अपनी माँ को बुलाया और उनके पास बैठे और कुछ देर बाद उन्हें घर भेज दिया।


माँ के जाने के बाद  पत्रकारों ने पूछा "आपने उनके सामने भाषण क्यों नहीं दिया"।

तो उन्होंने कहा -मेरी मां को नहीं पता कि मैं मंत्री हूं।  अगर उसे पता चल गया तो वो लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना नहीं कर पाऊंगा। और उसमें अहंकार भी आ जाएगा!


जवाब सुनकर हर कोई हैरान रह गया।


कहाँ गए वे निस्वार्थ, विनम्र और ईमानदार लोग?


"हम सदैव स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अपना आदर्श मानकर कार्य करेंगे।"


वे राजनेता चले गये, वे दिन चले गये...

credit : premjeet yadav 

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