पौराणिक कहानी : परोपकारी राजा और समझदार मंत्री

 पौराणिक कहानी : परोपकारी राजा और समझदार मंत्री


दुसरो का भला सोचना,उदारता और समझदारी ये ऐसे गुण है जो किसी भी समाज का कल्याण कर सकते है। आज की कहानी में आपको इन्ही गुणों का दर्शन होगा।


Kahani 2024


ये कहानी है जन्म से अंध एक राजा की। अंधे होते हुए भी राजा ने अपने राज्य को बड़ा सुखी रखा था.. कारण था राजा की अच्छाई, राजा का परोपकारी स्वभाव। राजा ने अपने दरबार में और अपने खास लोगों में अपने जैसे अच्छे और दूसरो का भला सोचने वाले लोगों को नियुक्त किया था।


एक बार इस राजा के राज्य में एक तपस्वी आया। राजा ने उस तपस्वी का बहुत मान सम्मान किया, उसका बड़े अच्छे से स्वागत किया और उसकी बहुत सेवा भी की। तपस्वी राजा से खुश हुआ और जाते-जाते राजा को काजल की एक छोटी डिब्बी देकर गया। उसे काजल के बारे में बताते हुए तपस्वी ने कहा कि ...है राजन इस डिब्बी में तुम्हारी दोनों आंखों की रोशनी वापस ला सके इतना ही काजल है और सामर्थ्य भी। इस काजल को अपने दोनों आंखों में आधा-आधा डालकर तुम इस सृष्टि देखने की क्षमता पा लोगे।


राजा उस काजल को पाकर बहुत खुश हुआ। लेकिन इस्तेमाल करते समय राजा को अपने उस मंत्री की याद आई जिसे उसकी आंख कमजोर हो जाने की वजह से सेवानिवृत होना पड़ा था। 



राजा बिना एक क्षण की भी देरी किये अपने कुछ आदमियों के साथ उस मंत्री के घर पहुंच गया। वह मंत्री बिल्कुल अंधा हो चुका था और एक कोने में बैठा हुआ था। राजा ने मंत्री को तपस्वी के बारे में और उसके द्वारा दिए गए काजल के बारे में बताया। राजा ने वह काजल मंत्री को दे दिया और उसे उसकी आंखों में डालने के लिए कहा।


मंत्री ने आधा काजल अपनी एक आंख में डाला तो उसे उस आंख से बिल्कुल साफ-साफ दिखने लगा। अब थोड़ी देर सोचने के बाद मंत्री ने बचा हुआ आधा काजल अपनी जीभ पर डाल दिया!


राजा के आदमियों ने जब राजा को इस बारे में बताया तो राजा मंत्री पर गुस्सा होते हुए बोला तुमने यह क्या मूर्खता की? तुम जब दोनों आंखों की रोशनी पा सकते थे तो तुमने एक ही आंख की रोशनी पाकर आधा काजल बर्बाद क्यों कर दिया?


मंत्री ने राजा को प्रणाम करते हुए कहा। महाराज जब आप इतना निस्वार्थ होकर मेरे बारे में और प्रजा के बारे में इतना कुछ सोचते हैं तो क्या मेरा कोई कर्तव्य नहीं बनता? इस आधे काजल को अपनि जीभ पर रखकर मैंने पता कर लिया है कि यह किस वस्तु से बना है? अब मैं इसे बनाकर आपकी और ऐसे हजारों लोगों की आंखों की दृष्टि वापस ला सकता हूं!


राजा अपने मंत्री की समझदारी और दूसरों का भला करने वाली सोच को जानकर बहुत खुश हुए।

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