एक किसान था बहुत मेहनती था उसके पास एक बकरी और एक गधा था। यह किसान गधे और बकरी को एक ही साथ रखता था मगर जब खाना खिलाने की बारी आती तब वह बकरी को मैदान में छोड़ देता जिससे वह खुद ही घास खा सके और गधे को खुद अपने हाथों से खाना खिलाता था क्योंकि गधा उसके लिए बहुत मेहनत करता था।
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गधा कितनी मेहनत करता है इस बात पर ध्यान ना देते हुए बकरी हमेशा गधे से जलती थी और हमेशा उसके बारे में बुरा बुरा सोचती थी। 1 दिन बकरी ने सोचा अगर मैं गधे को अपने रास्ते से हटा दूं तो मालिक मुझे ही गधे की जैसे खाना खिलाया करेंगे! फिर क्या था 1 दिन मौका देख कर बकरी ने गधे को एक गड्ढे में धकेल दिया।
गधा बेचारा गड्ढे में गिरने से काफी घायल हो गया, अधमरा सा हो गया। किसान को जब पता चला कि गधा गड्ढे में गिर गया है तो वह दौड़ा दौड़ा उसके पास आया उसे गड्ढे से निकलवाया और उसे जानवरों के डॉक्टर के पास इलाज के लिए भेजा। डॉक्टर ने किसान से कहा कि आपका गधा ठीक तो हो जाएगा लेकिन उसे बहुत समय लग जाएगा। किसान ने डॉक्टर से विनती की के कुछ भी करके गधे को जल्द से जल्द ठीक कर दीजिए उसके बिना मेरा खेती का काम बहुत मुश्किल हो जाएगा। किसान के काफी गिड़गिड़ाने पर डॉक्टर ने किसान को एक उपाय सुझाया, डॉक्टर ने कहा अगर आप गधे को जल्द से जल्द ठीक करना चाहते हैं तो उसका एक ही उपाय है और वह है उसे बकरी का सूप पिलाया जाए!
किसान ना चाहते हुए भी डॉक्टर की बात मानने के लिए राजी हो गया और बकरी की जलन और गधे का भोजन पाने की लालसा ने उसे ही गधे का भोजन बना दिया।
ये कहानी हमें क्या सिखाती हैं?
दोस्तों, जेलसी और लालच दोनों से जितनी दूरी बनाए रखें उतना ही हमारे लिए अच्छा है।
