एक महिला, जिसने हाल ही में अपने पति को खोया था, हर दिन की तरह उसकी कब्र के पास बैठकर उसे याद कर रो रही थीं।
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कब्रिस्तान के पास ही कुछ दूरी पर बहोत सारे खेत थे जिनमें से एक खेत में एक किसान बैलो की मदद से हलसे अपने खेत जोट रहा था। वो कई दिनों से इस महिला के उपर नजर बनाए हुआ था और उसके मन में कहीं ना कहीं इस सुंदर विधवा महिला को पाने की लालसा थी।आज उसने कुछ सोचा और अपन खेत का काम अधूरा छोड़ वो उस रोती महिला के पास पहुंच गया और वह जाकर उसने भी रोना शुरू कर दिया।
जब महिला ने उसे रोते हुए देखा तो उसने किसान से रोने का कारण पूछा।
किसान ने बताया," मैंने हाल ही में अपनी पत्नी को खो दिया है, मै अपनी पत्नी से बहोत ज्यादा प्रेम करता हूं इसीलिए उसको याद करके रोने से मुझे अच्छा महसूस होता हैं।"
"और मुझे अपने पति को",महिला ने कहा और उसकी आंखो से आंसुकी धार बेहने लगी। वहां पर कुछ समय के लिए दोनों मौन होगए..
थोड़ी देर बाद किसान बोला, “चूंकि तुम और मैं एक जैसे हैं, तो क्या तुम मुझसे शादी करोगी? मैं तुम्हारे मृत पति का, और तुम, मेरी मृत पत्नी का स्थान लोगी?”
महिला किसान की ये बात सुनकर सोचमे पड़ गई,काफी देर तक अपने विचारो में खोए रहने के बाद उसे ये प्रस्ताव वास्तव में काफी उचित लगा, वो अभी जवान थी उसके आगे अपनी पूरी जिंदगी पड़ी थी और उसे उसके दुख को समझने वाला और उसे संभालने वाले साथी की जरूरत थी सो उसने अपने आंसू पोछे और किसान को हा कहां।
इसी बीच एक चोर ने आकर उस बैलों को चुरा लिया था जिन्हें किसान अपने हल के साथ खेतों में छोड़ आया था।
चोरी का पता चलने पर उसने अपनी छाती पीट ली और अपने नुकसान पर जोर-जोर से रोने लगा।
जब स्त्री ने उसका रोना सुना, तो वह उसके पास गई और बोली, "मै समझ सकती हूं तुम्हे बहोट दुख हो रहा होगा" जिस पर रोते हुए किसान के मुंह से निकल गया, "हां, और इस बार सच में दुख हो रहा है!"
कहानी की सिख
दोस्तों दुनिया में हर तरह के लोग होते है और हर व्यक्ति कई मुखोटो के साथ आपसे मिलते है इसलिए बिना अच्छी तरह पहचाने या जांच टटोल के हमें किसी पर भी आंखे मिंचे भरोसा नहीं करना चाहिए।
