Kahani murkh hathi aur gadhe ki

मजेदार कहानी :- मूर्ख कौन हाथी या गधा?


 यह कहानी है एक जंगल की। जंगल बहुत घना था, बहुत ही सुंदर था और उसमें हर तरह के प्राणी बसा करते थे।


कहानी हाथी और गधा


एक दिन इस जंगल में एक हाथी और एक गधे में किसी बात को लेकर बहस छिड़ गई। गधा कहे मैं सच्चा हूं, हाथी बोले मैं सही हूं। 


जब बहस का कोई परिणाम निकलता नजर ना आया तब दोनों ही जंगल के राजा शेर के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचे।


पूछने पर हाथी ने बहस का विषय बताया। हाथी बोला," महाराज यह गधा कहता है आसमान का रंग पीला है और मैं कहता हूं कि नीला हैं, अब आप ही फैसला कीजिए कौन सही और कौन गलत है। आप चाहे तो जो भी गलत होगा उसे सजा भी दे सकते हैं!


हाथी की बात सुनने के बाद सिंह ने तुरंत हाथी को 10 कोड़े मारने की सजा सुनाई और गधे को जाने के लिए कहा!


हाथी ने बहुत आश्चर्यचकित होकर सिंह से पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया? मैं सही हूं फिर भी आपने मुझे सजा क्यों दी और उस मूर्ख गधे को नहीं?


शेर हाथी के सवाल का जवाब देते  हुए, "बोला बेशक तुम सही थे मगर तुम्हें सजा इसलिए मिली क्योंकि जब तुम्हे पता था  वह मूर्ख है फिर भी तुम उससे बहस कर रहे थे।"


कहानी की सिख


भैंस के आगे भागवत पढ़ने से कोई फायदा नहीं होता वैसे मूर्ख व्यक्ति के साथ तर्क वितर्क हमेशा नुकसानदायक ही होता हैं। इसलिए अपनी समझदारी और समय ऐसे लोगो की पीछे व्यर्थ नहीं करनी चाहिए।






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