ज्ञानवर्धक हिंदी कहानी | Enlightening hindi story
एक अंधी लड़की थी जो खुद से अपने अंधेपन के कारण नफरत करती थी थी।
दुनिया में हर किसी को वो ना पसंद करती थी सीवाय उसका हर सिचुएशन में साथ देने वाले बॉयफ्रेंड के।
1 दिन उसे किसी भले व्यक्ति ने उसको अपनी आंखें दान करदी। ऑपरेशन हुआ और जब उसकी पट्टी हटाई गई तो उसे सब कुछ दिखने लगा उसका प्रेमी भी!
प्रेमिने लड़की से पूछा, 'अब जब तुम दुनिया देख सकती हो, तो क्या तुम मुझसे शादी करोगी?'
लड़की ने अपने प्रेमी की ओर देखा तो उसे झटका लगा क्यों कि वह अंधा था। उसकी बंद पलकों के नजारे ने उसे झकझोर कर रख दिया। उसने इसकी उम्मीद नहीं की थी। जीवन भर किसी अंधे व्यक्ति के साथ रहना कैसा होगा ऐसा सोच के लड़की ने उससे शादी करने से मना कर दिया।
उसके प्रेमी आंखो में आंसू लिए वहां से चला गया और कुछ दिनों बाद उसे यह कहते हुए एक नोट लिखा: 'अपनी आँखों की अच्छी देखभाल करना , क्योंकि वो आंखे जो अब तुम्हारी है कभी मेरी भी थी'।
बदलती परिस्थितियों में मनुष्य का दिमाग अक्सर इसी तरह काम करता है।
बहुत कम लोगों को याद होता है कि जीवन पहले कैसा था, और सबसे दर्दनाक परिस्थितियों में कौन हमेशा उनके साथ था।
जीवन एक तोहफा है।
दोस्तों किसी के भी बारे में बुरा बोलने से पहले - किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो बोल नहीं सकता।
हमेशा अपने खाने के बारे में शिकायत करते रहने से पहले - किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जिसके पास खाने के लिए कुछ नहीं है।
अपने दोस्तों या परिवार वालों के पास अपने पति या पत्नी के बारे में शिकायत करने से पहले - किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो एक साथी के लिए भगवान से रात दिन मिन्नते करता है।
अपने कीमती जीवन के बारे में शिकायत करने से पहले - किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो बहुत कम उम्र में ही मर गया हो।
अपने बच्चों को बुरा भला कहने से पहले - किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो बच्चे तो चाहता है लेकिन वह बांझ है।
आपके अपने छोटे या पुराने मकान के बारे में शिकायत करने से पहले - उन लोगों के बारे में सोचें जो सड़कों पर रह रहे हैं।
कुछ किलोमीटर गाड़ी चला कर आप परेशान हो जाते हो तो - किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो अपने पैरों से उतनी ही दूरी पर चलता है।
हमेशा अपनी नौकरी के बारे में नेगेटिव सोचने से पहले - बेरोजगारों, विकलांगों और उन लोगों के बारे में सोचें जो चाहते हैं कि उनके पास आपकी नौकरी हो।
जब भी आपको दूसरों में दोष निकालने का मन हो या किसी पर उंगली उठा ना चाहो तो जरूर ध्यान रखना कि हम में से कोई भी परिपूर्ण नहीं है और हम सभी उस परमात्मा के की कठपुतलियां है और वही सब का हिसाब करता है।
और आखिर में यही कहूंगा कि जब भी आपके मन में नेगेटिविटी आने लगे, बुरे विचार आने लगे तब सिर्फ अपने चेहरे पर छोटी सी मुस्कान लाइए और भगवान को धन्यवाद कीजिए। क्योंकी उसने आपको इतनी मूल्यवान जिंदगी दी है और आप अभी भी जिंदा है।
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