पहली नजर का प्यार : एक प्रेम कहानी | cute love story
सुशांत 24 साल का दिखने में डिसेंट और स्मार्ट लड़का था। अंकिता को उसने पहली बार एक शॉपिंग मॉल में देखा था। अंकिता देखने में किसी परी जैसी थी। सुशांत को अंकिता को देखते ही पहली नजर का प्यार हो गया।
उस दिन सुशांत अंकिता को देखकर ऐसे मदहोश हुआ की ना उसे अंकिता से मिलने की सूझी ना ही उसने सोचा कि उसका नाम या नंबर पता किया जाए! बस वही मूर्ति की तरह खड़ा होकर उसे देखता रहा.. अंकिता थोड़ी देर बाद वहां से चली गई।
अंकिता के चले जाने के बाद सुशांत का सुख चेन सब चला गया। सुशांत को लगने लगा अगर वह अंकिता को फिर से नहीं मिलता है तो शायद उसकी जान निकल जायेगी! यह एहसास जितना दुखदाई था उतना ही अनोखा था कहीं ना कहीं उसे ये सब अच्छा लग रहा था। शायद यह प्यार था, सच्चा प्यार!
अंकिता को ढूंढने का और कोई जरिया था नहीं इसलिए सुशांत अब हर दिन उसी मॉल में जाकर इंतजार करने लगा कि किसी दिन अंकिता वापस वहां आएगी तो वह उससे मिल पाएगा। पूरे 2 हफ्तों तक वह लगातार उस मॉल में जाता और पूरा पूरा दिन वहां पर अंकिता का इंतजार करता और हर आने जाने वाले लोगों पर नजर रखता।
2 हफ्ते बाद उसके सब्र का फल उसे मिला और एक दिन अचानक अंकिता खुद उसी के सामने आकर खड़ी हो गई! अचानक अंकिता को अपने सामने देख वो बहुत खुश हो गया और शॉक्ड भी, उसके मुंह से कोई शब्द नहीं फूट रहा था। जब काफी देर तक वह कुछ भी नहीं बोला तो अंकिता ने उसे कहा,"क्या हुआ? इतने दिनों से मेरा इंतजार कर रहे हो और अब जब मैं सामने खड़ी हूं तो तुम मुझसे बातें नहीं करोगे!"
सुशांत ने चौकते हुए कहा,"हां करूंगा, बिल्कुल करूंगा! लेकिन पहले यह तो बताओ तुम्हें कैसे पता कि मैं इतने दिनों से यहां तुम्हारे लिए आता हूं? "
"मुझे यह सब इसलिए पता है क्योंकि जिस दिन से तुमने मुझे देखा और उसके अगले दिन से तुम यहां हर रोज मेरी तलाश मैं आने लगे उसी दिन से मैंने भी तुम पर जासूसी करना शुरू कर दी थी।" अंकिता ने कहां।
सुशांत के मन में एक और सवाल कौंधा उसने पूछा,"अच्छा यह तो समझ में आया कि तुमने मुझ पर बरोबर जासूसी की है लेकिन फिर भी यह क्लियर नहीं हुआ कि तुम्हें कैसे पता चला कि मैं तुम्हारी तलाश में यहां पर आता था? और एक सवाल की जब तुम्हें यह पता चल गया कि मैं तुम्हारे लिए यहां आता हूं तुम्हें अजीब नहीं लगा? या मुझ पर गुस्सा नहीं आया?"
"अगले दिन आकर जब तुमने मेरे बारे में उसी दुकान में पूछताछ की जहां से मैंने खरीदी की थी तो उस दुकानदार ने तुम्हें तो मेरे बारे में कुछ भी नहीं बताया लेकिन मैं उसकी रेगुलर कस्टमर हूं इसलिए उसने फोन करके तुम्हारे बारे में मुझे सब कुछ बता दिया था। मुझे अजीब लगा था की कोई क्यों मेरे बारे में छानबीन कर रहा है? इसलिए मैंने उसी दिन से यहां पर आकर तुम पर जासूसी करना शुरू कर दिया और दूर से ही तुम पर नजर रखने लगी।" अंकिता ने कहां।
अंकिता आगे बोली.." उस दिन सिर्फ तुम्हें ही मैं पहली नजर में पसंद नहीं आई थी, मैंने भी तुम्हें मॉल में देखा था और मुझे भी तुम अच्छे लगे थे। इसलिए जब मैं तुम पर नजर रखने लगी तब मेरे मन में तुम्हारे बारे में और ज्यादा जानने की मंशा जागी इसलिए मैं उसी दिन तुमसे बात करने के लिए नहीं आई और इन दो हफ्तों में मैंने तुम्हारे बारे में काफी कुछ जाना।
मुझे यह तो पता चल गया था कि तुम मुझे इसलिए खोज रहे हो क्योंकि तुम मुझसे प्यार करने लगे हो लेकिन मुझे इस बात को कंफर्म करना था कि कहीं तुम्हारा प्यार सिर्फ शारीरिक आकर्षण तो नहीं है जो अक्सर इस उम्र में हो जाया करता है। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीत गए और मैंने देखा कि तुम बिना धीरज कोई और बिना इंटरेस्ट यूज किए उतनी ही शिद्दत से मेरे लिए यहां आते थे और मुझे तलाशते रहते थे तो मुझे यकीन हो गया कि यह महज एक आकर्षण नहीं है बल्कि तुम सच में मुझसे प्यार करने लगे हो और इस बात को तब और ज्यादा मजबूती मिल गई जब मैंने देखा कि मॉल में मुझसे भी ज्यादा सुंदर लड़कियां तुम्हारे पास से गुजरती थी लेकिन तुम उनमें सिर्फ मेरा चेहरा देखना चाहते थे।
इन दो हफ्तों में तुम पर नजरें रखते रखते मेरे दिल में भी तुम्हारे लिए प्यार जाग गया और मेरा प्यार भी आकर्षण नहीं है क्योंकि मुझे भी अब बिना तुम्हे देखे चैन नहीं आता है और मैं भी वही चाहती हूं जो तुम चाहते हो इसलिए आज मुझ से रहा नहीं गया और मैं तुम्हारे सामने आकर खड़ी हूं!
सुशांत ने अंकिता को अपना नाम बताया और उसका नाम पूछा और उसे प्रपोज किया। अंकिता ने हा कहां और दोनो के ही चेहरों पर अपने सपनो के हमसफर से मिलने की खुशी चमक उठी और एक प्यारी सी cute Love story का हैपी एंडिंग हुआ।
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