अनकही आवाज़ें : प्रेरक कहानी | motivational Kahani
दोस्तों, दिन भर में हम इतना कुछ बोलते हैं और सुनते हैं, बहुत कुछ पढ़ते हैं और समझते हैं! सुनना और समझना हमारे जिंदगी का बड़ा ही अहम हिस्सा है। अलग-अलग लोगों की सुनने की क्षमता अलग-अलग होती है कोई बात को सिर्फ सुनता है तो कोई गहराई से सुनता (समझता) है।
आज की कहानी इसी क्षमता पर आधारित हैं। यह कहानी आपको जीवन में अपने कार्य क्षेत्र में लीडर बनने में प्रोत्साहित करेगी।
राजा महाराजाओं का दौर जब चल रहा था तब किसी राजकुमारो को राज आसन पर बिठाने से पहले उसे उस लायक बनाना होता था। उस दौर में बड़ी-बड़ी मैनेजमेंट स्कूल या कोई डिप्लोमा कॉलेज तो होता नहीं था जहां जाकर वे यह सब चीजें सीख पाते। उस दौर में अनुभवी गुरुओ द्वारा राजकुमारों को वह शिक्षा दी जाती थी जो उनको अपने भविष्य में काफी जरूरी और महत्वपूर्ण साबित होती थी।
अनकही आवाज़ें : प्रेरक कहानी | motivational Kahani
चाइना के एक राजा को जब अपने पुत्र को राज सिहासन पर बिठाने की सूझी तब उसने राजकुमार को उसके लायक बनने के लिए एक जेन मास्टर के पास भेज दिया। मास्टर ने राजकुमार को कुछ दिनों तक तो अपने पास रखा और बाद में 1 साल के लिए राजकुमार को जंगल में जाकर रहने का आदेश दीया।
राजकुमार मास्टर के आदेश अनुसार जंगल में रहने के लिए चला गया। अपने राज्य में ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा राजकुमार शुरू के कुछ महीने बड़ी तकलीफ में जंगल में रहा बाद में उसे धीरे-धीरे उस जंगल की आदत हो गई! वो सहजता से उस जंगल में रहने लगा और जंगल में होने वाली छोटी मोटी घटनाओं का अवलोकन करने लगा। देखते ही देखते हैं 1 वर्ष बीत गया और राजकुमार वापस अपने मास्टर के पास लौट आया।
मास्टर ने राजकुमार के लौटने के बाद उससे सबसे पहले एक सवाल किया की मुझे बताओ तुमने जंगल में क्या क्या सुना?
राजकुमार बोला - मैंने वहां झरने की कलकल , भवरों का गुंजन , पत्तो की सरसराहट , बादलों की गड़गड़ाहट , झिंगुरो का शोर...सूना। राजकुमार इतने पर ही नही रुका और उसने हर उस आवाज के बारे में जेन मास्टर को बताया जिसे उसने जंगल में सुनी थी।
जेन मास्टर ने राजकुमार से पूछा और क्या क्या सुना तुमने? राजकुमार बोला मास्टर मैने आपको उन सभी आवाज़ों के बारे में बता दिया जो मैने सुनी थी। मास्टरने राजकुमार से कहां ठीक है तुम दोबारा उसी जंगल में जाओ और वहां से तभी वापस लौट कर आना जब तुम्हें पहले सुनी आवाजों के अलावा कुछ नई आवाजें सुनाई दे!
पूरा 1 साल जंगल में बिताने के बाद राजकुमार यह सोच रहा था कि अब उसे अपने राज्य में वापस जाने के लिए मिलेगा। लेकिन मास्टर ने उसे फिर से वही जाने का आदेश दिया बेमन से राजकुमार फिर से उसी जंगल में वापस लौट गया।
कुछ दिनों तक राजकुमार को कोई भी नई आवाज नहीं सुनाई दे रही थी। वह जो भी आवाज सुनता था उसे लगता था यह आवाज तो वो कई बार सुन चुका हैं। फिर राजकुमार ज्यादा ध्यान देकर और पूरी तरह समर्पण से अपने आसपास की हर आवाज पर गौर करने लगा। धीरे-धीरे राजकुमार को ऐसी ऐसी आवाजें सुनाई देने लगी जो उसने पहले जिंदगी में कभी भी नहीं सुनी थी! कुछ दिनों तक उन सभी आवाजों का अभ्यास करने के बाद राजकुमार अपने मास्टर के पास लौट आया।
राजकुमार इस बार बहुत प्रसन्न चेहरे के साथ अपने मास्टर को उन सभी आवाजों के बारे में बताने लगा जो उसने इस बार सुनी थी। राजकुमार ने कहा - मास्टर शुरू में मुझे सारी वही आवाजे सुनाई दे रही थी जिन्हें मैं बरसों से सुनता आ रहा था। फिर मैंने ज्यादा ध्यान लगाया तो मुझे वो आवाजे भी सुनाई देने लगी जो आमतौर पर सभी को नहीं सुनाई देती है।
मास्टर ने पूछा - कौनसी आवाजे?
राजकुमार बोला - मैने इस बार कलियों की खिलने की आवाज सुनी! बारिश की बूंदों की रमझट सुनी। मैने किरणों को जमीन पर टकराने का स्वर और बहती हवा की धुन भी सुनी।
राजकुमार की बातें सुनकर जैन मास्टर बहुत खुश हो गए। मास्टर ने कहा अब तुम राजा बनने के लिए बिल्कुल तैयार हो क्योंकि अब तुम उन आवाजों को भी सुन सकते हो जो अनसुनी है! हर राजा में यह गुण होना चाहिए कि प्रजा की वो कही और अनकही बातें और भावनाएं समझ ले तभी वो सही फैसले ले सकता है , उनका विश्वास जीत सकता है और उन्हें सुखी रख सकता है।
कहानी कि सिख
इस कहानी से ये सबसे बड़ी सिख हम ले सकते है की अगर हम अपने जीवन में या करियर में किसी भी फील्ड में सफल होना चाहते है तो हमे उसके हर पहलू जिसे सब जानते हैं और उन्हें भी जिनसे अभी भी लोग अनजान है समझना चाहिए और उनमें एक्सपर्ट बनना चाहिए ।
