मजेदार कहानी : जानवरो वाली जिंदगी | Majedaar Kahani

 मजेदार कहानी : जानवरो वाली जिंदगी | Majedaar Kahani 


दोस्तों, आज मैं आपको एक बहुत ही मजेदार इंटरेस्टिंग कहानी बताने जा रहा हूं। वैसे तो यह कहानी काल्पनिक है लेकिन इसे पढ़ने में आपको बहुत ही ज्यादा मजा आएगा। इस कहानी में हम जानेंगे कि कैसे इंसान को अपने जीवन के अलग-अलग काल में अलग-अलग प्राणियों के की तरह जीवन जीना पड़ता हैं।


मजेदार कहानी : जानवरो वाली जिंदगी | Majedaar Kahani


मजेदार कहानी : जानवरो वाली जिंदगी | Majedaar Kahani 


तो कहानी शुरू होती है स्वर्ग लोक से... भगवान ने सबसे पहले गधे को बनाना शुरू किया। गधे को अच्छे से बनाने के बाद भगवान बोले तू दिन-रात लोगों का बोझ अपनी पीठ पर उठाएगा। तेरी बुद्धिमत्ता ज्यादा नहीं होगी। घास खाएगा और लोगों के यहां गुलामी करेगा। मैं तुझे 50 साल का जीवनकाल देता हूं।


गधा भगवान की बातें सुनकर निराश हो गया। गधा बोला भगवान आपने मुझे बनाया है इसलिए आप मेरे लिए जो भी करेंगे मैं उसे स्वीकार कर लूंगा, बस आपसे यही विनती है कि जिस तरह के गुण आप मुझे दे रहे हैं भले दे दे लेकिन मेरा जीवन काल सिर्फ 30 साल का रखिए  क्योंकि ऐसे गुणों के साथ में 50 साल बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा। भगवान ने उसकी बात मान ली और 30 साल की जिंदगी दी।


बाद में भगवान ने कुत्ता बनाया। कुत्ते को बनाने के बाद भगवान ने उसे उसके गुण बताते हुए कहा कि तुम लोगों की प्रॉपर्टी की रखवाली करोगे और तुम लोगों के पालतू और वफादार बनकर अपना जीवन व्यतीत करोगे। इतना ही नहीं तुम उनका झूठा खाना खाओगे। मैं तुम्हें 25 साल का जीवनकाल देता हूं।


कुत्ता भी अपने गुणों के हिसाब से मिली जिंदगी की लंबाई से खुश नहीं था। उसने भी भगवान से विनती की और बोला कि भगवान ऐसी असहनीय  जिंदगी 25 सालों तक जीकर में क्या करूंगा? कृपया मुझे सिर्फ 10 सालों तक का जीवनकाल दीजिए। कुत्ते की बात मानते हुए भगवान ने उसका जीवनकाल 10 सालों का कर दिया।


गधे और कुत्ते को बनाने के बाद फिर से एक बार भगवान ने बंदर को बनाया। बंदर को बनाने के बाद भगवान ने उसे कहा कि तुम हमेशा उछल कूद करते रहोगे, एक जगह से दूसरी जगह, एक झाड़ से दूसरे झाड़ कूदते रहोगे और तुम मूर्खों की तरह बर्ताव करोगे जिसे देखकर लोगों का मनोरंजन होगा! तुम्हें मैं 20 सालों तक का जीवनकाल देता हूं।



बंदर भी इतने लंबे जीवन से खुश नहीं था इसलिए बंदर ने भगवान से कहा कि भगवान मुझे 20 सालों तक की लंबी सजा मत दीजिए! मुझे आप सिर्फ 10 सालों तक का जीवन ही दीजिए। मैं उतना किसी तरह से सह लूंगा!


आखिर में भगवान ने मनुष्य को बनाया। भगवान ने कहा कि इस धरती पर सबसे बुद्धिमान प्राणी अगर कोई होगा तो वो तुम होंगे। तुम अपनी समझदारी और बुद्धि का इतेमाल कर बाकी सभी प्राणियों पर राज करोगे। तुम्हे मै 20 वर्ष की आयु देता हूं।


भगवान की बात सुन मनुष्य बोला ये मेरे परम पूज्य प्रभु जीवन भर आपकी पूजा और भक्ति करना चाहता हु इसलिए आप सिर्फ 20 साल का जीवन मुझे दे ये ठीक नही होगा। मनुष्य जो कह रहा था और जो सोच रहा था दोनो में काफी फर्क था.. वो सोच रहा था की मैं झूठ बोलकर और मस्का मार कर भगवान से लंबा जीवन मांग लेता हु और बाद में धरती पर सभी प्राणियों पर लंबे समय तक राज करूंगा! 


मनुष्य ये भूल गया था की वो उस भगवान को झूठ बोल रहा था और उन्हें मूर्ख बनाने कि कोशीश  कर रहा था  जिन्होंने खुद उसे बनाया था। भगवान ने उसे सबक सिखाने के लिए मनुष्य को गधे के हिस्से के 20 साल, कुत्ते के हिस्से के 15 साल और बंदर के हिस्से के 10 साल  दे दिए!


तब से मनुष्य सिर्फ 20 साल  मनुष्य की जिंदगी जीता है, बाद में उसकी  शादी होती है और उसे गधे की तरह काम करते,अपनी फैमिली का बोझा ढोहते हुए जीना पड़ता है। बच्चे होने के बाद उसका जीवन कुत्ते जैसा हो जाता हैं! वो अपने बच्चो की रखवाली करता है, संपति और प्रॉपर्टी की रखवाली करता है जो अपने बाल बच्चो को देकर जाता है। अंत में बूढ़ा होने के बाद अपने नाती पोतों को खुश करने के लिए बंदरो की तरह उछल कूद करता है और उनका मनोरंजन करता हैं।


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