उम्र एक नंबर ही तो है - प्रेरणादायक कहानी | Best Story ever
75 वर्ष के मेहता अंकल आज उनके कॉलेज फ्रेंड्स के 'अभी तो मैं जवान हूं ' व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज भेजते हैं। रविवार दोपहर 1:00 बजे हम सब होटल यादगार में लंच के लिए मिलेंगे। कोई भी नहीं आने का कुछ भी कारण नहीं देगा। जो व्हाट्सएप पर नहीं है और जिसके फोन नंबर मेरे पास नहीं है उनको तुम फोन करके बुला लो। और एक विशेष सूचना :- जो होटल के गेट टूगेदर को नहीं आएगा उस व्यक्ति को व्हाट्सएप ग्रुप में से हमेशा के लिए निकाल दिया जाएगा!
तय किए दिन मेहता अंकल सबसे पहले होटल में पहुंचे। धीरे-धीरे करके सब दोस्त आने लगे।1:30 बजे तक सब लोग होटल पर पहुंच गए। आज तक सब व्हाट्सएप पर ही एक दूसरे से मिलते थे, इतने वर्षों बाद एक दूसरे को सामने साक्षात देखकर सब बहुत खुश हुए।
कितनी बातें करूं और कितनी नहीं ऐसे सबको हो रहा था। कॉलेज में थे तब कैसे थे और अब कैसे दिखने लगे? यह देखकर सभी हंसने लगे! कितने बदल गए सब के सब! कोई टकले हो गए, कई के दांत गिर गए, कोई दुख से पीड़ित है, कई के पार्टनर अब इस दुनिया में नहीं है। कई को उनके बच्चे संभालते नहीं! हर कोई अपनी जिंदगी की कथा बताना चाहते थे।
मेहता अंकल सबकी बातें मन लगाकर सुन रहे थे। उतने में वेटर खाने का आर्डर लेने आता है। सभी खाने के लिए बैठते हैं और सब दोस्त सहेलियों को इधर ध्यान दो बोलकर एक सेल्फी ली गई और गप्पो की शुरुआत हुई।
दोस्तों आज तुम सब ने मेरी बात मानी और यहां आए उसके लिए धन्यवाद सबको। आज इतने सालों बाद हम सबको मिलने का, एक साथ बातचीत करने का योग हुआ इससे ज्यादा आनंद को बात कोई हो ही नही सकती।एल! कोई-कोई तो कॉलेज में थे वैसे ही है और कोई कोई जिंदगी के धक्के खा खाकर थोड़ा बहुत प्रमाण में मुरझा गए हैं। पर जिंदगी के कई संकटों और उतारचढ़ावों को मात देकर हम सब यहां तक पहुंचे हैं। तो मेरे मन में ख्याल आया कि आज जैसे हम यहां इकट्ठा हुए हैं वैसे ही अभी हम अपने ग्रुप की एक ट्रिप निकाले, बीच पर घूमने जाए!
मेहता अंकल के बीच पर घूमने जाए यह शब्द सुनते ही खान चाचा और मात्रे आंटी हमें चलेगा बोलकर झट से तैयार होगए।
उनकी हा सुनकर पटेल आंटी जोर से चिल्लाती हैं, चलेगा क्या चलेगा? आप अभी भी जवान ही हो ऐसा लगता है क्या? पटेल आंटी की बात सुनने के बाद, तभी तुरंत फर्नांडिस आंटी ने कहा देखो ना चले सब बूढ़े बीच पर घूमने! यहां ठीक से चला भी नहीं जाता, यहां होटल तक जैसे तैसे आ गए यही बड़ी बात है।
पटेल आंटी और फर्नांडिस आंटी का बोलना सुनकर सभी के चेहरे लटक गए।
वो सब देखकर तभी मेहता अंकल बोले मैं कहां बोल रहा हूं कि खेलने कूदने के लिए जाए! गणपति पुने जाते हैं वहा गणपति का दर्शन भी हो जाएगा और बीच देखने का मजा भी आएगा।
जिसे जो चाहे वैसे वह इंजॉय कर सकता है।
यह सुनकर सिंघ अंकल बोले पर इस उमर में समंदर का मजा ही क्यों चाहिए? अति उत्साह में अगर पैर फिसल गया पानी में गिरे तो उससे क्या फायदा होगा?
सिंघ अंकल की ऐसी बातें सुनकर मेहता अंकल चीड़ गए और बोले कि, बार-बार उमर उमर का गाना रट रहे हो,हम सभी को भगवान की कृपा से इतनी जिंदगी जीने मिली है तो वह जिंदगी खुशी से जीना चाहिए ना!
हमारा ही दोस्त रावल याद है आप सबको! हमेशा आनंद से हंसते जिंदगी जीने वाला, लेकिन एक कार एक्सीडेंट्स से उसकी मौत हो गई और वह हमें छोड़कर चला गया। वह शर्मा याद है उसे और खूब जिंदगी जीने की इच्छा थी, पर कैंसर के रोग से वह भी बच ना सकी। हमारे बराबर के ही कई लोग थे जिनको खूब इच्छा थी जिनेकी, पर नसीब ने उनका साथ नहीं दिया।
हम सबको नसीब का साथ मिला है, भगवान की कृपा से हमारे शरीर के हिस्से अच्छे चल रहे हैं थोड़ा बहुत प्रॉब्लम सभी को है मैं नहीं कहता,नहीं बोल कर भी हमेशा प्रॉब्लम्स का विचार करके, रोकर ही जिंदगी जिनि हें क्या?
समय है चान्स हें तब तक हर एक आने वाला क्षण का आनंद लेने के लिए क्या हरकत है? ध्यान में रखना दोस्त उमर यह सिर्फ एक आंकड़ा है और वह शरीर की उम्र मापने के लिए है। पर मन से खुश रहने का प्रयास हम पक्का कर सकते हैं ना। और जैसे ही मन प्रसन्न होने लगा कि शरीर अपने आप स्वस्थ रहने लगता है। तो मेरे सभी जवान दोस्त और सहेलियों यह पूरे सप्ताह में तुम खुद ही खुद को गुलाब दो, खुद को ही चॉकलेट दो, गिफ्ट दो!
अभी मैं हमेशा खुश रहने का प्रयास करूंगा या करूंगी, ऐसे खुद को ही प्रॉमिस करो। खुद को आईने में देखकर खुशी से गले लगाओ, नजर उतारो और वैलेंटाइन डे के दिन मस्त गणपति पुणे के ट्रिप पर जाने के लिए रेडी रहो। फिर देखो आप सबको डराने वाली यह उम्र कहां से कहां भाग जाएगी! और नए तरीके से जिंदगी जीने की शुरुआत करेंगे।
मेहता अंकल के यह उत्साहित शब्द सुनकर वैलेंटाइन डे के दिन गणपति पुणे में मिले, ऐसा प्रॉमिस करके सभी अपने-अपने घर निकल गए।
दोस्तों, सच ही तो है उम्र एक नंबर ही तो है। उम्र बढ़ती है तो शरीर कमजोर होना चाहिए मन या विचार नहीं!
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