दिल छू जायेगी ये कहानी | Short Hindi Kahani Emotional
कहते है गरीब पैदा होना कोई बुरी बात नहीं होती लेकिन गरीब मर जाना सबसे बुरी बात होती है।
इसी विचार से प्रेरित अमित बचपन से ही पढ़ाई में और उन सभी चीजों में जी जान से मेहनत करता आया था जिनकी वजह से वो ज्यादा पैसे कमा पाए।
उसने अपना पूरा बचपन गरीबी और आवश्यक चीजों की कमी में गुजारा था। लेकिन वो हार मानने वालो में से नहीं था। अगर सही दिशा में मेहनत की जाए तो मेहनत रंग जरूर लाती है। अमित भी पढ़ लिख कर इस काबिल बन गया की उसे किसी अच्छी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल सके और उसे एक अच्छी नौकरी मिल भी गई।
अमित ने एक एक करके अपने सपने पूरे करने का सफर शुरू किया। पहले छोटे छोटे सपने पूरे किए। फिर सही उम्र होने की वजह से शादी कर ली। अगले ही साल एक सुंदर बच्चे का बाप भी बन गया।
लेकिन इन सब में उसके सपने पूरे करने का सफर रुक गया। उसे इस बात का कोई मलाल नहीं था लेकिन बचपन से लेकर जवानी तक उसका एक बहुत बड़ा सपना एक अच्छी बड़ी कार लेने का वह हमेशा उसके दिमाग में चलता रहता था।
बचपन से लेकर आज तक जब भी वह किसी अच्छे कार को रास्ते से गुजरते हुए देखता तो पल भर के लिए वही पर रुक कर उसे ताकता रहता था। जैसे जैसे दिन बीते जा रहे थे उसका यह सपना उसे सोने नहीं दे रहा था।
उसने इस सपने को पूरा करने की ठानी और थोड़े थोड़े पैसा जमा करना शुरू किए। कुछ वर्षों में उसने इतने पैसे जमा कर लिए कि वह अपने सपनों की कार ले सके। और एक दिन वह सारे पैसे समेटकर उस कार को अपने घर पर ले आया।
उस कार में बैठकर उसे लगता कि उसने जीवन मैं कुछ बड़ा हासिल कर लिया है। उसे जीत की संतुष्टि मिलती जो कुछ हासिल करने पर मिलती है। वो जितना प्यार अपने 5 साल के बेटे के साथ करता उतना ही प्यार अपनी कार से भी करता था। हर दिन खुद अपने हाथों से कार को धोता और उसके है पार्ट को अच्छे से चेक करता।
1 दिन वो अपनी कार को धो रहा था, साथ में उसके 5 साल का बेटा भी कार के आगे पीछे खेल रहा था। अचानक उसे कोई आवाज सुनाई दी। उसने कार के उस तरफ जाकर देखा जहां उसका बेटा कार पर पत्थर से खरोच रहा था!
अमित को लगा जैसे उसका सर गुस्से से फट जाएगा। उसने बेटे को हाथ को काफी जोर से पकड़ा और उसे बुरा भला कहने लगा। बच्चा दर्द के मारे रोए जा रहा था लेकिन अमित का गुस्सा शांत नहीं हो रहा था! दो-तीन मिनट बाद जब उसने बच्चे का हाथ छोड़ा तो उसे समझ में आया कि ज्यादा जोर लगाने की वजह से बच्चे की हाथ की उंगली टूट गई!
जैसे ही अपनी गलती का एहसास हुआ वह अपने बच्चे को लेकर अस्पताल गया। बच्चे की उंगली टूट जाने की वजह से प्लास्टर बांध दिया। जब अमित अपने बच्चे को मिलने गया तो बच्चे ने पूछा कि पापा मेरी उंगली कब ठीक होगी?
वो उसके सवाल का कोई जवाब नहीं दे सका और बाहर आकर अपने किए पर पछताने लगा। उसे एक बार फिर से उतना ही गुस्सा आया जितना अपने बच्चे पर आया था लेकिन इस बार का गुस्सा अपने आप पर और उस कार पर था जिसकी वजह से उसने अपने मासूम बच्चे को हानि पहुंचाई थी।
वो गुस्से को शांत करने के लिए पार्किंग में पहुंचा जहां पर अपनी कार लगाई थी। वहां जाकर कार पर लात घुसे बरसाने लगा। इसी बीच उसकी नजर गाड़ी के उस हिस्से पर पड़ी जहा पर उसके बच्चे ने पत्थर से कुरेद कर कुछ लिखा था। उसने जब ध्यान से पढ़ा तो वहां लिखा था "i love you papa" उसे पढ़कर अमित की आरती और दिल दोनों रोने लगे।
दोस्तों, आप को क्या लगता है यह कहानी सिर्फ अमित की है? क्या आपको नहीं लगता कि यह कहानी हम में से हर एक की है? हम भी तो जीवन भर यही करते आए है! हम जीवनभर उन चीजों के पीछे भागते हैं जिनकी हमें चाहत है।
चाहे वह हमारे लिए इतने महत्वपूर्ण ना हो और ऐसी चीजों के लिए हम अपने जीवन की उन महत्वपूर्ण चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं या खो देते हैं जो हमे आशीर्वाद के रूप में मिली होती है और कितना भी पैसा खर्चा करने से भी वापिस नहीं मिलती है। मैं उम्मीद करता हु की इस कहानी को पढ़कर आप थोड़ी देर रुककर सोचेंगे की आप जिस वस्तु को पाने के लिए दौड़ लगा रहे है क्या वो आपके जीवन में सर्वोपरि है या आपके जीवन में उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ है जिसे आप इग्नोर करते आए है?
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