पुजारी और राजा की रोचक कहानी | Rochak Kahani
एक राजा ने भगवान का एक सुंदर मंदिर बनाया और उस में एक पुजारी को काम पर रखा। इस बात को बहुत समय बीत गया अब राजा भी बूढ़ा हो गया था, लेकिन राजा का एक नियम था कि, वह हर सुबह अपने सैनिकों के साथ फूलों की माला भेजेगा और पुजारी उस माला को भगवान कृष्ण को चढ़ता था।
उसके बाद जब राजा भगवान के दर्शन के लिए आता तो पंडित जी भगवान के गले से माला उतारकर राजा के गले में डाल देते! यह लगभग रोज की बात थी। पुजारी बूढ़ा हो रहा था और राजा भी बूढ़ा हो रहा था।
1 दिन राजा की तबीयत खराब होने पर राजा ने सिपाही के हाथों पुष्प माला भेजी और सिपाहियों से कहा कि पंडित जी को कह देना कि आज हमारी तबीयत ठीक नहीं है आज हमारा इंतजार ना करें क्योंकि हम आज नहीं आ पाएंगे। फिर सिपाही ने जाकर पुजारी को पुष्प माला दी और पंडित जी को सारी बात कह बताई।
पंडित जी ने श्री कृष्ण को पुष्प माला अर्पित की तो पंडित जी ने सोचा कि इतने वर्ष हो गए भगवान का यह हार हमेशा राजाओं ने पहना है लेकिन मैंने खुद आज तक इसे कभी नहीं पहना है! तो आज इतने वर्षों के बाद मुझे भगवान के इस हार को धारण करने का अवसर मिला है। यह निश्चित रूप से भगवान की इच्छा है। इसलिए यह परंपरा थी कि भगवान के उस हार को कैसे छोड़ देंगे? इसलिए इस बार पंडित जी ने वह हार अपने गले में डाल दिया।
तभी सिपाही दौड़ता हुआ आया और बोला कि राजा साहब मंदिर आ रहे हैं क्योंकि वहां महाराज की तबीयत ठीक नहीं है, आप सारी तैयारी करके रखे। इतने सालों से चली आ रही परंपरा को राजा तोड़ना नहीं चाहता था इसलिए वह मंदिर आने लगा। पंडित जी ने तुरंत गले से हार उतार कर भगवान को अर्पण कर दिया। पंडित जी ने क्या भूल की समझ नहीं आया पंडित जी ने सोचा कि यदि राजा को पता चल गया तो वे उसे दंड देंगे।
अब जब राजा आया तो प्रतिदिन की भाती पंडित जी ने भगवान के गले से हार उतार कर राजा को पहना दिया। लेकिन राजा की नजर माला पर पड़ी, माला पर सफेद बाल गिरे हुए थे। और उन्होंने महसूस किया कि सफेद बाल पुजारी के है। राजा ने पुजारी से पूछा कि क्या तुमने यह माला पहनी थी? सफेद बाल कहां से आए? तो पंडित जी डर गए डर के मारे कहा कि यह सफेद बाल श्री कृष्ण का है! भगवान का है!
राजा को गुस्सा आया कि पंडित ने धोखा दिया और ऊपर से झूठ बोल रहे हैं। और उन्होंने पूछा कि कृष्ण के बाल कब सफ़ेद हुए.? ठीक है कोई नहीं मैं कल सुबह के समय आऊंगा फिर देखूंगा श्री कृष्ण के बाल सफेद हुए हैं या नहीं? और यह याद रखना पंडित अगर बाल सफेद नहीं काले हुए तो इस फरेब के लिए तुम्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा। राजा नाराज हो कर चले गए और इधर पंडित जी को अपनी मृत्यु दिखाई देने लगी।
उन्होंने भगवान कृष्ण को प्रणाम किया और कहा कि भगवान मुझे क्षमा करें मुझे लोभ हुआ और सोचा कि यह माला मैं भी पहन लूं। भगवान मुझे बचा लो नहीं तो कल मैं निश्चित रूप से राजा के हाथों मारा जाऊंगा। पंडित पूरी रात भगवान से प्रार्थना करता रहा रोता रहा।
अगली सुबह राजा सिंगार के समय आया और राजा ने पंडित से कहा कि पंडित मुकुट उतार दे। मैं बांके बिहारी के बाल देखना चाहता हूं। पंडित जी ने घबरा कर मुकुट हटा दिया और मुकुट उतारते ही राजा के होश उड़ गए! कृष्ण की मूर्ति के सफेद बाल थे। लेकिन राजा को लगा के पुजारी फिर से चाल चल रहा है? क्या उसने अपनी जान बचाने के लिए उसने बाल रंगे थे? इसलिए उसने जांच करने के लिए बाल तोड़ना शुरू कर दिया और जैसे ही राजा ने बाल उखाड़े मूर्ति से खून निकलने लगा यह देख कर राजा भगवान के चरणों में गिर पड़ा और शमा मांगने लगा। भगवान मुझे क्षमा करें मैंने बहुत बड़ा पाप किया है मैं सही और गलत को भूलकर संदेह से इतना अंधा हो गया हूं।
तभी मूर्ति से आवाज आई राजा आप मुझे केवल मूर्ति ही समझते हैं इसलिए आज तक मैं केवल आपके लिए मूर्ति हूं। लेकिन इस पुजारी को मुझ में भगवान दिखा तो मुझे उसकी जान बचाने के लिए अपने बाल सफेद करने पड़े। उसके बाद राजा को अपनी गलती का पछतावा हुआ लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकता।
इसलिए कहा जाता है कि पत्थर में भी खुदा होता है। यदि आप ऐसा नहीं मानते हैं तो भले ही भगवान आपके सामने प्रकट हो जाए आप उनसे उनकी सच्चाई के बारे में पूछेंगे। यदि आप वास्तव में ईश्वर को देखना चाहते हैं तो आपको केवल महसूस करना है। परमेश्वर पर बिना शर्त विश्वास रखें और बिना किसी रूकावट के अपना काम करते रहे सर्वशक्तिमान आपको निश्चित रूप से अपना फल देंगे।

The stories of bhagwan ganesh ji
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