झगड़ालू औरत : शिक्षाप्रद कहानी | Shikshaprad Kahani

 झगड़ालू औरत : शिक्षाप्रद कहानी | Shikshaprad Kahani


आज शांति का अपनी सास से झगड़ा हो गया। दो दिन पहले वो अपने पति से किसी बात पर लड़ पड़ी थी। ससुराल हो या माइके हर रिश्तेदार से यहां तक की उसके अड़ोस पड़ोस के लोगों के साथ भी शांति की कभी ना कभी कहा सुनी हो ही गई थी!


Kahani,shikaprad kahani



हालत ये हो चली थी कि लोग शांति के साथ अब बात करने से भी कतराते थे। उसे देखते ही अपना रास्ता मोड़ लिया करते थे। शांति अपने आप को अकेला महसूस करने लगी थी। वह चाहती थी कि इस परिस्थिति को किसी तरह सुधारा जाए।


उसे यह तो पता था कि लोगों का उससे दूर होने का कारण उसके झगड़े थे लेकिन वह यह नहीं समझ पा रही थी कि यह झगड़े तो कैसे जाते हैं? उसने इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए अपने कुछ बुजुर्गों से पूछा। कई किताबें पढ़ डाली। इंटरनेट पर कई ब्लॉग्स चेक किए लेकिन उसे कहीं पर भी संतुष्टकारक जवाब नहीं मिला।


एक दिन शांति के दरवाजे पर एक फकीर भीख मांगने आया। शांति उसे देने के लिए आटा लेकर आई। उसे लगा कि शायद उसके सवाल का जवाब यह फिर उसे दे सकता है इसलिए उसने उस फकीर से भी वह सवाल पूछ लिया। शांति ने फकीर से पूछा," फकीर बाबा क्या आप जानते हैं कि झगड़े होने का सबसे बड़ा कारण क्या है?"


फकीर ने शांति की तरफ देखा और बोला," मैं यहां पर भिक्षा लेने आया हूं और तुम हो कि मुझसे यह फालतू के सवाल कर रही हो?"


फकीर की बात सुनते ही शांति को बहुत गुस्सा आया। उसने कहा,"घर-घर जाकर भीख मांगने वाले तुम, मेरी बातों को, मेरे सवालों को फालतू कहते हो? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?"शांति ने और भी कई अली बुरी बातें उस फकीर को सुनाई।


शांति अभी गुस्से में बोल रही थी कि फकीर बीच में बोल पड़ा,"झगड़ों के कई सारे कारण होते हैं लेकिन जबान पर काबू ना होना यही झगड़ों का सबसे बड़ा कारण है!" फकीर की बात सुनकर शांति गहरी सोच में पड़ गई। फकीर ने भिक्षा का आटा लिया और वहां से चला गया।



एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने