कहानी खूनी झील की | rochak kahani

 एक बार की बात है, जब एक अद्वितीय जंगल में एक रहस्यपूर्ण झील थी। इसे "घातक झील" के नाम से भी जाना जाता था। यहाँ किसी भी प्राणी को शाम के बाद उस झील में जाकर पानी पीने की कोशिश करने पर उसका मारा जाना तय था। एक दिन, एक हिरण किसी दूसरे जंगल से उस अद्भुत जंगल में आया।


Panchtantra kahaini


वहाँ पर उसने एक बंदर से दोस्ती की। बंदर ने  हिरण को उस जंगल के बारे में सभी जानकारी दी, लेकिन उस घातक झील के बारे में बताना भूल गया। अगले दिन, बंदर ने हिरण को जंगल के सभी प्राणियों से मिलवाया।


इस विशेष जंगल में  हिरण की एक अत्यंत घनिष्ट मित्रता एक अद्वितीय खरगोश के साथ बन गई। जब भी हिरण को प्यास लगती तो वह उस घातक झील में जाकर पानी पीने जाता था।  शाम को भी वो वहीं जाता था, जैसा कि उसका रुझान होता था।


एक दिन, जब शाम के समय  हिरण उस घातक झील में पानी पीने गया उसने अपने सामने एक विशाल मगरमच्छ को देखा। उसके आगे ही आकर उसने एक विशेष स्वरूप के मगरमच्छ को पहचाना। इसके परिणामस्वरूप, उसने आवश्यकता से अधिक गति से जंगल की ओर दौड़ना शुरू किया। रास्ते में, उसने अपने पुराने मित्र  बंदर से मुलाकात की।


 बंदर ने  हिरण से उसकी अत्यधिक गति से दौड़ने का कारण पूछा।  हिरण ने उसको अपनी कथा सुनाई। तब जग्गू ने अपनी चूक की और कहा कि वह भूल गया था कि वह उस घातक झील की बात नहीं कर बता पाया था.. जिसमें जो भी शाम के बाद जाता, वह वहाँ से वापस नहीं आता।


लेकिन उस झील में मगरमच्छ क्या काम कर रहा होगा? हमने उसे कभी देखा नहीं। यह सूचित करता है कि वह मगरमच्छ वास्तविक रूप से वहाँ उपस्थित जानवरों को भोजन के रूप में प्रयुक्त करता है, जो भी शाम के बाद उस झील में पानी पीने जाते हैं।


आगामी दिन, जब बंदर ने जंगल के सभी जानवरों को साथ लिया और उन्हें उस झील की ओर ले गया, मगरमच्छ ने सभी को आने के बाद छुप जाने का निर्णय लिया। हालांकि मगरमच्छ की पीठ अब भी पानी से ऊपर उठी हुई थी।


सभी जानवर बताते हैं कि उसकी पीठ पर दिखने वाली चीज़ वास्तव में मगरमच्छ है। इस सूचना के बाद, मगरमच्छ ने कुछ नहीं कहा।  खरगोश ने अपने दिमाग का उपयोग करके कहा कि यह सिर्फ एक पत्थर हो सकता है। हालांकि,   सब इसे मानने को तैयार नहीं होंगे जब तक कि यह खुद बोलकर साबित नहीं कर देता।


यह सुनकर मगरमच्छ ने खुद को पत्थर बताया!  बस पर्याप्त था इससे सभी जानवरों को स्पष्ट हो गया कि यह सचमुच मगरमच्छ है।  खरगोश ने बताया कि वह निश्चित रूप से नहीं जानता कि पत्थर वाकई बोलते नहीं हैं। इसके बाद, सभी जानवरों ने मिलकर मगरमच्छ को उस झील से भगाया और उन्होंने खुशी-खुशी अपना समय बिताना शुरू किया।

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