बाप बेटी की छोटी सी इमोशनल कहानी | Emotional kahani
वेटर ने कहा : और क्या? मैं आपके लिए कुछ ला सकता हूं?
नहीं नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए! डोसा लाया चटनी सांभर की बात ही अलग है! अपनी बेटी के लिए डोसा ऑर्डर कर चुके बाप ने कहा।
बेटी डोसा खाने में मग्न थी। और वह अपनी बेटी की तरफ प्रशंसा भरी निगाहों से पानी पीते पीते देख रहा था! तभी उसके फोन की घंटी बजी..... एक साधारण फोन था। आज की भाषा में इसे डब्बा फोन कहा जाता है। फोन पर आवाज सही नहीं सुनाई दे रही थी, इसलिए उसने फोन स्पीकर पर डाला।
वह एक दोस्त से कह रहा था कि... आज मेरी बेटी का जन्मदिन है इसलिए मैं उसे होटल में खाना खिलाने के लिए लाया हूं।
मैंने कहा था कि अगर तुम स्कूल में फर्स्ट रैंक लाओगी तो मैं तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें होटल में मसाला डोसा खिलाने के लिए लेकर जाऊंगा, वह डोसा खा रही है।
दोस्त बोला अच्छा अच्छा तुम क्या खा रहे हो? मैंने कुछ भी नहीं मंगाया, हम दोनों को होटल में खाने को कैसे परवडेगा....? घर पे सब्जी और चावल है मेरे लिए...
मेरी बातें सुनकर उसका दोस्त सुन्न हो गया। पिता अमीर हो या गरीब ...एक पिता अपने बेटी के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए कुछ भी कर सकता है।
मैनेजर यह सब चुपके से देख रहा था। उसने काउंटर पर चाय और उन दो डोसा के पैसे भरे और कहा... उस टेबल पर दूसरा डोसा और चाय भेज दो....!
पैसे नहीं है ऐसा बोले तो उनसे कहना कि आज आपकी बेटी का जन्मदिन है। क्या आपकी बेटी स्कूल में फर्स्ट आई है? हमने आपकी सारी बातें सुन ली है। इसलिए हमारे होटल के तरफ से विशेष रूप से ऐसी पढ़ाई कर अव्वल आनेवालों के लिए ऐसा कहना.... इसके लिए कोई बिल नहीं है। लेकिन कृपा करके मुफ्त इन शब्द का उपयोग ना करें.....
मैनेजर वेटर से कहने लगा, में उसके पिता का आत्मसम्मान दुखाना नहीं चाहता था। और एक डोसा टेबल पर आ गया।पिता चिंतित हो गए और कहने लगे कि मैंने एक ही डोसा मंगाया था। तभी होटल के मैनेजर ने कहा...... अरे आपकी बेटी स्कूल में फर्स्ट आई है ना.... हमने यह बात सुन ली..... इसलिए हमारे होटल के तरफ से आप दोनों के लिए फ्री......
पिता की आंखों से आंसू आ गए। पीता ने अपनी बेटी से कहा? देख इस तरह पढ़ाई करने से तुम्हें क्या-क्या मिल रहा है। पिता ने वेटर को कहा..... यह डोसा बांध कर दोगे क्या? मैं और मेरी पत्नी हम दोनों आधा-आधा खाएंगे! उसे कहा ऐसा खाना मिलता है?
यह बातें सुनकर मैनेजर की आंखों से आंसू छलक पड़े।और वह मन में सोचने लगा कि बाप कैसा भी हो? अमीर या गरीब अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर सकता है!

Aapki kahaniya bahut achhi h but long kahani banaye Taki padhne mein or interst aaye..
जवाब देंहटाएंbudhe maa baap ki Kahani
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