मनहूस : दिल देहला देनेवाली कहानी | heart touching story

 मनहूस : दिल देहला देनेवाली कहानी | heart touching story 


हेतल कॉलेज कैंपस में बैठी थी। जब उसके क्लास पूरे हुए तो वह अपनी सहेली के साथ बातें कर रही थी। उसे रास्ते से जाते समय गायत्री दिखी। गायत्री को आवाज दी। गायत्री इधर आओ, हेतल की आवाज सुनते ही गायत्री हेतल के पास गई। दोनों बातें करने लगी।


मनहूस : दिल देहला देनेवाली कहानी | heart touching story



    बातचीत के दौरान अचानक हेतल को याद आया कि उसने सुना है कि सुमन ने आत्महत्या कर ली है! इस बारे में गायत्री से जानना चाहा, सुमन, हेतल और गायत्री दोनों की यह बचपन की सहेली थी। गायत्री और सुमन दोनों एक दूसरे की पड़ोसी थी। हेतल दूसरे गांव में रहती थी।


 भले ही सुमन की तीन बार शादी की गई लेकिन उसने आत्महत्या क्यों की? ऐसा सवाल हेतल के मन में आया। दरअसल वह अपनी प्यारी सहेली की आत्महत्या से बेहद दुखी थी। सुमन नवी कक्षा में थी तभी उसकी पहली शादी हुई थी। सुमन देखने में बहुत सुंदर थी वह होशियार,शालीन और भविष्य के सपनों में रंगने वाली लड़की थी। उसने अपने जीवन में कई सपनों को चित्रित किया था। पर घर के लोगों ने उसकी जबरदस्ती से शादी करवा दी।


 हेतल के पास इतने सारे सवाल थे कि वह नहीं जानती थी कि गायत्री से कैसे पूछूं? लेकिन हर बात की सच्चाई जानना चाहती थी। और आखिर में गायत्री से पूछा कि सुमन ने आत्महत्या क्यों की?


 एक क्षण के लिए गायत्री चुप हो गई। जल्दी से उसके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। उसने गहरी सांस ली और बोलना शुरू किया...

   

 3 साल पहले सुमन की शादी अबीर नाम के शक्स से हुई थी। वास्तव में उसकी बहुत अच्छी गृहस्ती चल रही थी। दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। जब भी यह दोनों साथ में बाहर जाते तो सभी कपल इन से जलते थे।


 अबीर और उसके परिवार के सभी सदस्य अच्छे स्वभाव के थे। जैसा उसने सपनों में जोड़ीदार सोचा था वैसा ही उसे अपना पार्टनर मिला था। उसके घर की स्थिति मध्यम थी। अबीर का एक छोटा सा होटल था। उसमें से उसके सारे खर्चे बाट देने के बाद कुछ पैसे बच जाते थे। घर की हालत बहुत साफ-सुथरी थी। एक दिन वह होटल से घर बाइक पर आ रहा था। एक बड़ी कार से उसका बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो गया! और इस  में उसे काफी चोटें आई। हादसे के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सुमन को बहुत दुख हुआ लेकिन उसके ससुराल वालों को गलतफहमी थी कि अबीर की दुर्घटना सुमन की वजह से हुई वह अपशकुनी है। ऐसा उनको लगता था।


 उनमें से कोई भी उसे समझ नहीं पाया। अबीर के जाने के बाद कुछ दिनों के भीतर ही सुमन को घर से निकाल दिया गया! उसे घर से बाहर निकालने के बाद वह मायके गई और कुछ दिन मायके में ही रही। लेकिन आसपास पड़ोसियों में चर्चा हो गई तो उसके माता-पिता फिर से उसके लिए रिश्ता ढूंढने लग गए।


 जब वह बाहर निकलती थी तो लोग हमेशा उसे ताने मारते थे। इस वजह से सभी बहुत परेशान हुए। ऐसे में उन्होंने जल्दी-जल्दी में अमोल से शादी करवा दी। 


अमोल बहुत बुरा आदमी था। दारू पीता था, कुछ काम धंधा नहीं करता, चोरी करता, मारपीट करता,उसका रोजाना यही काम था। इस सब से सुमन को बहुत दुख होता था। पर वह कुछ नहीं कर सकती थी। एक बार एक रात को वह  देर से घर आया और जल्दी-जल्दी में घर में कुछ ढूंढने लगा। सुमन ने उसे पूछा पर उसने कुछ भी नहीं बोला। उसे जो चीज चाहिए थी वह उसे मिली नहीं इस वजह से वह वहां से बाहर चला गया। सुमन रात भर उसकी राह देखती रही पर वह आया ही नहीं! दूसरे दिन पुलिस को  उसका  मृतदेह रास्ते के किनारे पड़ा हुआ मिला। 


उसका चाकू से किसी ने खून किया था। यह खबर सुमन को पता चली तो उस पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। कुछ दिनों तक वह अपनी ससुराल में रही लेकिन बाद में ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।इस वजह से सुमन वापस मायके आ गई। घर आकर कुछ दिन ऐसे ही बीत गये। हर दिन आ रहा था और जा रहा था। लेकिन सुमन की स्थिति वही थी। उसकी तरफ देखा नहीं जा रहा था। उसका परिवार उसकी स्थिति को सहन नहीं कर सके।, इसलिए उन्होंने उसकी वापस शादी करने का फैसला किया!


 उसके लिए रिश्ता ढूंढने लगे, उनके रिश्तेदारों में गौतम नाम का लड़का था। उसकी पहले से ही एक बार शादी हो चुकी थी और गौतम से सुमन की शादी करवा दी। सुमन  बहुत खुश थी। शादी हुई और कुछ महीनों बाद उसे मालूम हुआ कि गौतम को कैंसर है, ब्लड कैंसर!इस बात का पता चलते ही उसके हंसते हुए चेहरे पर फिर से दुखी हो गया। लेकिन उसने हिम्मत से इन सब का सामना करने का फैसला किया।


 5 महीने तक अपने पति की सेवा की लेकिन आखिरकार 5 महीने बाद उसके पति की मौत हो गई। इस दुख से बहुत तंग आ चुकी थी। कुछ दिन बीत गए,लेकिन बाद में ससुराल वालों ने उसकी जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया! उसे घर से निकाल दिया उसके बाद वह फिर मायके चली गई लेकिन उसके माता-पिता उसके भाई भाभी ने भी उसे घर में आने नहीं दिया!


 सभी तरफ से रास्ते बंद हो चुके थे उसके लिए। उसे उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही थी। अंत में उसने खुद को खत्म करने का फैसला किया। उसका जीवन समाप्त कर दिया। सुमन की यह कहानी सुन कर हेतल की आंखें आंसुओं से भर कर बह रही थी। पूरा दिन वह सुमन के बारे में सोचती रही," क्या इन तीनो घटनाओं में बेचारी सुमन का कोई भी दोष था? क्या उसके मां बाप को सिर्फ उसकी शादी कर उसे हर बार किसी के पास भेज देना सही था? वो उसे अपने पैरो पर खड़ा करने की कोशिश भी कर सकते थे। सच कहो तो हेतल की जान उसकी बदनसीबी ने नही उसके परिवार की उसके आसपास के लोगो को छोटी सोच ने ली है! वो बेचारी मनहूस नही बदनसीब थी क्योंकि उसके आसपास ऐसी सोच रखने वाले लोग थे।"      


2 टिप्पणियाँ

  1. Sir kya main aapki story use kar sakta hun ya nhi agar kar sakta hun to mujhe kya karna padega

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  2. Sir namaste sir aap ki kahani bahut hi achhi Hoti hai to kya mai aap ki story Ko Apne channel ke liye use karna chahta hu mujhe kya Karna chahiye kripya karke javab de dhanyawad

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