प्यार का बोझ : नई कहानी | New Hindi Story
एक बूढ़ा आदमी एक पहाड़ी रास्ते पर चल रहा था। रास्ता काफी पथरीला और उबड़ खाबड़ था। ऐसी चढ़ाई वाले रास्ते पर चढ़ते हुए तो जवान लोग भी थक जाते हैं तो इस बूढ़े का थकना बिल्कुल लाजमी था।
आदमी धीरे-धीरे चलने लगा और आसपास आराम करने के लिए जगह तलाश करने लगा। थोड़ी देर बाद आदमी को एक पेड़ नजर आया तो वह उस पेड़ के पास पहुंचकर वहां बैठ गया और आराम करने लगा।
बूढ़े आदमी के पीछे पीछे ही एक लड़की आ रही थी। इस लड़की ने अपने कमर पर एक कपड़े में छोटे बच्चे को बांध रखा था। जहां यह बूढ़ा बैठा था उसी पेड़ से कुछ दूरी पर एक और पेड़ था जहां पर यह लड़की भी आराम करने बैठ गई।
बूढ़ा उठा और चलकर उसी पेड़ के नीचे जाकर बैठ गया जहां यह लड़की बैठी थी। वह पूरी तरह थक चुका था। बूढ़ा बात शुरू करते हुए बोला कि तुम तो मुझसे भी ज्यादा थक गई होगी क्योंकि तुमने अपनी कमर पर यह बोझ जो बांध रखा है।
लड़की ने बूढ़े की बात से गुस्सा होकर ना उसकी उम्र का लिहाज किया ना ही उसकी हालत का उस पर चिल्ला कर बोली यह कोई बोझ नहीं है यह मेरा भाई है। बूढ़ा समझ गया कि लड़की उसके भाई से बहुत प्यार करती है इसलिए बूढ़े ने उस से माफी मांगते हुए कहा कि मेरा वह मतलब नहीं था।
दोस्तों छोटी सी ये कहानी इस बात का सबूत है कि प्यार में हमें कोई बोझ नहीं लगता। आप सोचिए मां बच्चे को 9 महीने तक अपने पेट में पालती है तब उसका वजन उसको जरा भी नहीं लगता जबकि पेट में फंसी एक 2 ग्राम की पथरी भी हमें कितना तकलीफ देती है। एक गैस का सिलेंडर उठाने में आदमी का दम निकल जाता है लेकिन अपने बीवी को उठाने में जिसका वजन गैस के सिलेंडर से कई ज्यादा होता है वह जरा भी नहीं थकता।

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